इस पड़ोसी देश के खिलाफ अमेरिका कर रहा है जंग की तैयारी? तैनात किया एक और युद्धपोत

America Warship Docks Near Venezuela : वर्तमान समय में अमेरिका ने पड़ोसी देश वेनेजुएला और उसके राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर सैन्य दबाव बढ़ाने के लिए त्रिनिदाद एवं टोबैगो में एक युद्धपोत तैनात किया है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अमेरिका ने मिसाइल विध्वंसक यूएसएस ग्रेवली को कैरेबियाई देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो भेजा है. बता दें कि इससे पहले भी वह विमान वाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड भी भेज चुका है. इसके साथ ही अपने देश के खिलाफ एक नया युद्ध छेड़ने का अमेरिकी सरकार का प्रयास बताया जा रहा है. इतना ही नही बल्कि डोनाल्ड ट्रंप ने बिना सबूत पेश किए मादुरो पर संगठित अपराध गिरोह त्रेन दे अरागुआ का नेता होने का आरोप लगाया है.

त्रिनिदाद एवं टोबैगो के सरकारी अधिकारियों ने कहा

बता दें कि अमेरिका और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि यह विशाल युद्धपोत कुछ दिनों तक त्रिनिदाद एवं टोबैगो में ही रहेगा. ताकि दोनों देश युद्ध के लिए अभ्यास कर सकें. ऐसे में त्रिनिदाद एवं टोबैगो के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कुछ ही समय पहले युद्धपोत भेजने का फैसला लिया गया था. इसके साथ ही अमेरिका की सैन्य उपस्थिति और संदिग्ध मादक पदार्थ तस्करी नौकाओं पर घातक हमले किए जाने का प्रबल समर्थक माना जाता है.

अमेरिका-वेनेजुएला के बीच टकराव

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार कैरेबियन सागर में अमेरिकी सेना की तैनाती को अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नारकोटिक्स मिशन कहा जा रहा है. इतना ही नही बल्कि ट्रंप सरकार ने निकोलस मादुरो के नेतृत्व वाली वेनेजुएलाई सरकार पर नशा तस्करों को शरण देने का आरोप लगाया. ऐसे में दोनों देशों के बीच विवाद और भी बढ़ गया है. बता दें कि अमेरिका की ओर से त्रेन दे अरागुआ गैंग को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया गया है.

अमेरिका ने मादुरो की जीत को बताया धांधली

मीडिया रिपोर्ट के दौरान जुलाई 2024 में वेनेजुएला में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे और इसी में  निकोलस मादुरो ने अपनी जीत का ऐलान किया. इसके साथ ही सरकार बनाने का दावा पेश किया. लेकिन वही अमेरिका के साथ और भी कई देशों ने मादुरो की जीत को धांधली बताया और विपक्षी नेता एडमुंडो गोंजालेज को चुनाव का विजेता कहा. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इसके बाद विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो वेनेजुएला की मादुरो सरकार ने तानाशाही रूख अपनाते हुए नॉर्वे में दूतावास बंद कर दिया.

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