Iran: ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोपी को फांसी दे दी है. ईरान ने बुधवार को यह दावा किया है. हालांकि, कार्यकर्ताओं ने बताया कि आरोपी को यातना दिया ताकि वह झूठे अपराध को स्वीकार कर ले. ऐसे में यातना से परेशान युवक ने सबकुछ स्वीकार कर लिया. न्यायपालिका की मीज़ान समाचार एजेंसी ने मृतक की पहचान बाबक शाहबाजी के रूप में की. दावा किया कि उसने ईरानी डेटा केंद्रों व सुरक्षा ठिकानों की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा की तथा उन्हें इजराइली एजेंटों को बेचा था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर लगाई थी मदद की गुहार
उधर, कार्यकर्ताओं का कहना है कि शाहबाजी को इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उसने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी. ईरान ने रूस को ड्रोन उपलब्ध कराए हैं, जिनका इस्तेमाल मास्को ने यूक्रेन पर हमलों में किया. मानवाधिकार संगठन ईरान ‘ह्यूमन राइट्स’ ने पहले ही चेतावनी दी थी कि शाहबाजी को फांसी दी जा सकती है.
बाबक को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का इस्तेमाल करना इजराइल ने सिखाया
संगठन ने कहा कि बाबक का राष्ट्रपति जेलेंस्की को युद्ध में मदद की पेशकश करने वाला संदेश ईरान की ओर से इजराइल के लिए जासूसी का सबूत बताया गया. उन्होंने यह भी कहा कि बाबक को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का इस्तेमाल करना इजराइल ने सिखाया. हालांकि, ईरान ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया. ईरान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि शाहबाजी को कैसे मृत्युदंड दिया गया लेकिन आमतौर पर दोषियों को फांसी पर लटकाया जाता है.
जासूसी के आरोप में आठ लोगों को दी फांसी
ईरान ने इजराइल के साथ 12 दिन के युद्ध के दौरान जासूसी के आरोप में आठ लोगों को फांसी दी है. हाल में इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन का युद्ध हुआ था, जिसमें इजराइल के हवाई हमलों से करीब 1,100 लोग मारे गए, जिनमें कई सैन्य कमांडर भी शामिल थे. इसके जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए थे.
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