विशालकाय एस्टेरॉयड की चांद से टकराने की लगातार बढ़ रही संभावना, जानिए क्‍या है खगोलविदों का दावा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Asteroid: साल 2032 में चंद्रमा और क्षुद्रग्रह टक्कर हो सकती है, जो खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष सुरक्षा और आम लोगों के लिए जिज्ञासा से भरा क्षण होगा. एस्टेरॉयड 2024 YR4 एक 53 से 67 मीटर के डायमीटर वाला अंतरिक्षीय पिंड है, जो वैज्ञानिकों की निगरानी में है, क्‍योंकि इसका आकार 1908 में रूस के तुंगुस्का क्षेत्र में भारी तबाही मचाने वाले एस्‍टेरॉयड से बड़ा है.

ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह धरती से टकराता तो एक पूरे शहर का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता था. राहत की बात ये है कि ये धरती नहीं बल्कि चांद की ओर बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 तक वैज्ञानिकों का मानना था कि टक्कर की संभावना 3.8% है, लेकिन मई 2025 में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से प्राप्त नई जानकारी के अनुसार, यह संभावना बढ़कर 4.3% हो गई है.

चंद्रमा की सतह पर बन सकता है नया गड्ढा

यह बदलाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे चंद्रमा की सतह पर एक नया बड़ा गड्ढा बन सकता है. यह न केवल खगोल विज्ञान के लिए एक प्रयोगशाला जैसा मौका होगा, बल्कि ब्रह्मांडीय टकरावों के अध्ययन में भी सहायक साबित हो सकता है. जानकारों के मुताबिक, यदि यह टक्कर होती है तो वैज्ञानिकों के लिए यह किसी प्रयोगशाला के परीक्षण की तरह होगा, जिससे कई पहलुओं की जानकारी मिलेगी.

वैज्ञानिकों को मिलेगा अध्‍ययन के कई मौके

इस टकराव से उसकी गति और एनर्जी का अध्ययन करने के मौके के साथ ही चंद्रमा की सतह की संरचना और उसकी प्रतिक्रिया समझने का भी वैज्ञानिकों को अवसर मिलेगा. इस अध्ययन की अगुवाई जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के एंडी रिवकिन कर रहे हैं. इस दौरान उन्‍होंने स्पष्ट किया है कि टक्कर से चंद्रमा को कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा, न ही उसकी कक्षा में कोई बदलाव आएगा.

आम जनता के लिए चमत्‍कार

वहीं, अगर ये टक्कर होती है तो यह खगोल विज्ञान प्रेमियों और आम जनता दोनों के लिए एक चमत्कार हो सकता है. साथ ही यह घटना दूरबीनों से स्पष्ट रूप से देखी जा सकेगी और शायद टीवी और इंटरनेट पर भी इसे लाइव प्रसारित किया जा सकता है. फिलहाल, वर्तमान में 2024 YR4 पृथ्वी से बहुत दूर है, इसकी कक्षा का निर्धारण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन 2028 में यह फिर से पृथ्वी के पास आएगा. उस वक्‍त खगोलविद इसके मार्ग का और सटीक विश्लेषण कर पाएंगे, जिसके बाद यह तय करने में मदद मिलेगी कि 2032 में टक्कर होगी या नहीं.

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