नक्शे से मिट जाएगा इस द्वीप का नाम, धीरे-धीरे पलायन का रहे लोग, जानिए क्या है वजह

Australia : वर्तमान समय में प्रशांत महासागर के द्विपीय देश तुवालु की पूरी आबादी को ऑस्ट्रेलिया में माइग्रेट करना पड़ रहा है. जानकारी देते हुए बता दें कि ऐसा पहली बार होगा जब किसी देश की पूरी आबादी का योजनाबद्ध तरीके से माइग्रेशन हो रहा है. इस समय बारिश  के चलते हालात इतने बिगड़ रहे हैं कि बढ़ते समुद्र स्तर की वजह से तुवालु जलमग्न होने की कगार पर है. इसी कारण से लोगों को अपने जीवन-यापन के लिए पलायन करना पड़ रहा है. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के साथ तुवालु का एक समझौता हुआ है, जिसके तहत तुवालु के लोग ऑस्ट्रेलिया में जाकर बस सकेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तुवालु में बढ़ते जा रहे समुद्र के स्तर को देखते हुए देश ने यहां की जनता को ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट करने का फैसला किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि भविष्‍य में 25 सालों के अंदर तुवालु की पूरी जमीन जलमग्न हो जाएगी.

तुवालु-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई थी ट्रीटी

जानकारी के मुताबिक,काफी समय पहले  तुवालु और ऑस्ट्रेलिया के बीच फेलेपी यूनियन ट्रीटी हुई थी, इसी के तहत क्लामेट माइग्रेशन प्रोग्राम बनाया जा रहा है. बता दें कि इस प्रोग्राम के तहत हर साल तुवालु के 280 नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया का स्थाई नागरिक बनाया जाएगा. इसके साथ उन्हें हेल्थ केयर, शिक्षा, घर और नौकरी जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी. जानकारी के मुताबिक, 16 जून से 18 जुलाई के बीच इसका पहला चरण पूरा कर लिया गया है. अब तक 8,750 रजिस्ट्रेशन हुए हैं. इसके साथ ही 25 जुलाई को बैलट पेपर के जरिए उन 280 लोगों को चुना गया है, जो इस साल माइग्रेशन करेंगे.

अटॉल के आईलैंड रिंग शेप होते हैं 

बता दें कि तुवालु प्रशांत महासागर का एक छोटा सा द्विपीय देश है, इसमें नौ कोरल आईलैंड और अटॉल्स हैं. जानकारी देते हुए बता दें कि अटॉल रिंग शेप आईलैंड होते हैं. यह देश समुद्र से सिर्फ 16 फीट की ऊंचाई पर है, जिसके चलते बाढ़ और समुद्री तूफानी लहरों का खतरा रहता है और यह समुद्र के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है. ऐसे में यहां की आबादी 11 हजार से बस थोड़ी ज्यादा है.

वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

इस जगह पर जलवायु संकट सबसे अधि होता है. इस दौरान वैज्ञानिकों ने चिंता जताते हुए कहा कि यह देश आने वाले 80 सालों में पूरी तरह से निर्जन हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि भारी बारिश और बाढ़ के चलते इसके नौ कोरल अटॉल में से दो जलमग्न हो चुके हैं. ऐसे में इस स्थिति को लेकर तुवालु के प्रधानमंत्री फेलेती तियो ने दुनियाभर के देशों से देश की स्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया है.

नासा की सी लेवल चेंज टीम ने कहा

जानकारी के मतुाबिक, इस स्थिति का सामना करने के लिए नासा की सी लेवल चेंज टीम ने कुछ निष्कर्ष निकाले हैं. उनका कहना है कि साल 2023 में यहां पानी का स्तर पिछले 30 सालों की तुलना में 15 सेंटीमीटर ज्यादा हो गया था. इसके साथ ही अगर इसी तरह से समुद्र का स्तर बढ़ता रहा तो 2050 तक यहां की पूरी जमीन पानी में समा जाएगी और सभी बुनायदी ढांचों को भी समुद्र अपने अंदर समा लेगा.

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