बांग्लादेश में चुनाव को लेकर शुरू हुई सियासी खींचतान; एनसीपी ने दिया बड़ा बयान, भारतीय राजनीति‍ का भी किया जिक्र

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh protests: एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय समसामयिक मामलों की पत्रिका ‘द डिप्लोमेट’ में प्रकाशित एक साक्षात्कार में बांग्लादेश में छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि ‘‘हम नहीं चाहते कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग चुनावों में भाग ले.’’

नया संविधान लागू करना चाहती हैं एनसीपी

वहीं, एनसीपी की योजना को लेकर किए गए सवाल पर नाहिद इस्लाम ने कहा कि ‘‘हमारा लक्ष्य एक संविधान सभा के जरिए द्वितीय गणराज्य की स्थापना करना है, जिसके माध्‍यम से हम एक नया संविधान लागू करना चाहते हैं और देश की सत्ता गतिशीलता का ढांचा बदलना चाहते हैं.’’ इसके साथ ही इस्‍लाम ने ये भी कहा कि अवामी लीग के जो लोग ‘गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर सबसे पहले मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

विदेशी शक्ति के प्रभुत्व से मुक्त हो बांग्लादेश

बता दें कि बांग्‍लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के संरक्षण में एक राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी एनसीपी के छात्रों ने पिछले साल जुलाई-अगस्त में ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) या भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले बड़े पैमाने पर विद्रोह का नेतृत्व किया था. ऐसे में कूटनीति पर उनकी पार्टी का रुख को लेकर किए गए सवाल पर इस्‍लाम ने कहा कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चाहते हैं कि बांग्लादेश किसी भी विदेशी शक्ति के प्रभुत्व से मुक्त होकर एक संतुलित और लाभप्रद कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाए.’’

बांग्लादेश केंद्रित रहेगी राजनीति

एनसीपी के संयोजन नाहिद इस्लाम ने कहा कि ‘‘अतीत में हमने देखा कि शासन व्यवस्थाएं दिल्ली के प्रभाव पर बहुत अधिक निर्भर थीं. लेकिन हम बांग्लादेश की राजनीति को भारत या पाकिस्तान के गिर्द केंद्रित नहीं होने देंगे. हमारी पार्टी (एनसीपी) पूरी तरह से बांग्लादेश केंद्रित रहेगी और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगी.’’

बांग्लादेश में हुई थी हिंसा

दरअसल बांग्लादेश में साल 2024 में बड़े पैमाने पर विद्रोह और हिंसा फैली थी, जिसके चलते 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना प्रधानमंत्री के पद से इस्‍तीफा देकर बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गईं. उस वक्‍त यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और एसएडी के प्रतिनिधि के रूप में कार्यभार संभाला था.

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