म्यांमार में सेना की बड़ी हार, विद्रोही लड़ाकों ने BGP5 बैरक पर किया कब्जा

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Myanmar Civil War: म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध में जुंटा शासन की सेना की बड़ी हार हुई है. दरअसल विद्रोही लड़ाकों यानी अराकान आर्मी (एए) ने सेना के बेहद मजबूत ठिकाने, BGP5 बैरक पर अपना कब्जा कर लिया है. यह बैरक रखाइन राज्य में बांग्लादेश बॉर्डर के पास है. ऐसे में देश के सीमा का अहम हिस्‍सा जुंटा शासकों के हाथ से निकल गया है.

अब विद्राही लड़ाकों का बांग्लादेश से लगी म्यांमार की पूरी सीमा पर कंट्रोल हो गया है. यह 2021 के तख्तापलट के बाद जुंटा सेना की बड़ी हार है. अब अराकान आर्मी का पूरे रखाइन राज्‍य पर नियंत्रण हो गया है. केवल राजधानी सित्त्वे पर ही जुंटा सेना का कब्जा बचा है.

BGP5 बेस पर कब्जा विद्रोही लड़ाकों की बड़ी जीत

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में साल 2021 में सेना के सत्ता हथियाने के बाद से ही अराकान आर्मी लड़ रही है और कई इलाकों को अपने कब्जा में ले चुकी है. इस क्रम में BGP5 बेस पर कब्जा विद्रोही लड़ाकों के लिए सबसे बड़ी जीत है.

इससे सेना की स्थिति बेहद कमजोर हो गई है और विद्रोही गुट का प्रभाव बढ़ गया है. बीजीपी5 बेस म्यांमार सेना के लिए रखाइन राज्य में अंतिम गढ़ था. अराकान आर्मी ने इस बेस पर कई महीनों से घेराबंदी कर रखी थी और भयंकर हमले के बाद आखिरकार कब्जा जमा लिया. रोहिंग्या बहुल इलाके में बना यह बेस लगभग 20 हेक्टेयर में फैला हुआ है.

काफी मजबूत था BGP5 बेस

म्यांमार की जुंटा सेना ने BGP5 बेस को बेहद मजबूत बनाया था. बेस के चारों ओर गहरी खाई खोदी गई थीं और कीलें लगाई थीं. इसमें कई बंकर और एक हजार से अधिक बारूदी सुरंगें बिछाई गई थीं. लंबी लड़ाई के बाद भी सेना इस बेस को सुरक्षित नहीं रख पाई.

जुंटा सेना के हाथ से निकल गए कई शहर 

जुंटा सेना लगातार अराकान आर्मी से हार रही है. एक-एक करके कई शहर जुंटा सेना के हाथ से निकल गए हैं. BGP5 बेस का हाथ से निकल जाना सेना के लिए सबसे बड़ा झटका है. पहली बार सेना का पूरी सीमा से कंट्रोल खत्म हुआ है. बांग्लादेश से लगी 270 किमी लंबी सीमा अब पूरी तरह अराकान आर्मी (एए) के कब्जे में है.

अब रखाइन की राजधानी सित्त्वे ही सेना के कब्जे में है लेकिन वह भी देश के बाकी हिस्सों से कट चुकी है. इस पर भी विद्राही लड़ाकों का कब्‍जा हो सकता है. ऐसे में म्यांमार में किसी राज्य पर पूरा कब्जा करने वाला एए पहला विद्रोही समूह बन सकता है.

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