BRICS समूह का हिस्सा बनने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से बेताब है. वित्तमंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान इस अंतर-सरकारी संगठन के भीतर एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभा सकता है. पाकिस्तानी वित्तमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक प्राथमिकताओं, निवेश अवसरों और वैश्विक साझेदारियों के विकास के दृष्टिकोण को BRICS के मंच पर बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता है.
मंगलवार को जारी इंटरव्यू में औरंगजेब ने अजरबैजान की प्रमुख समाचार एजेंसी REPORT और रूस की प्रमुख समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती से बात की. उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों, निवेश पर नजर और क्षेत्रीय-वैश्विक साझेदारियों के महत्व पर भी चर्चा की.
BRICS क्या है?
बता दें कि BRICS एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. इस समूह का मुख्य उद्देश्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर अपनी भूमिका मजबूत करना है. वहीं, हाल ही में BRICS का विस्तार किया गया है.
ऐसे में अब इस समूह में मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया जैसे देश शामिल किए गए हैं. यह समूह व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग और वैश्विक शासन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है और विश्व अर्थव्यवस्था में इन देशों की सामूहिक शक्ति को मजबूत करता है.
पाकिस्तान का BRICS में शामिल होने का प्रयास
वहीं, पाकिस्तान लंबे समय से BRICS की सदस्यता पाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अब तक उसकी सारी कोशिशे नाकाम रही है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को सदस्यता के लिए सभी मौजूदा सदस्यों की सहमति लेनी होगी, जिसमें भारत भी शामिल है. हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सामरिक तनाव को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के आवेदन का विरोध कर सकता है. यही वजह है कि पाकिस्तान के लिए इस समूह का हिस्सा बन पाना आसान नहीं होगा.
BRICS से जुड़ने पर पाकिस्तान को होगा ये फायदा
इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान पहले से ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का सक्रिय सदस्य है और BRICS ढांचे में भी यह देश रचनात्मक योगदान दे सकता है. उन्होंने वैश्विक स्तर पर वैकल्पिक सीमा-पार भुगतान प्रणाली पर चल रही चर्चाओं का उल्लेख किया और कहा कि BRICS से जुड़ने पर पाकिस्तान ऐसे आर्थिक तंत्रों का अनुभव और लाभ ले सकेगा.
पाकिस्तान में निवेश और आर्थिक नीतियाँ
इसी बीच वित्त मंत्री ने निवेश के माहौल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता मैक्रोइकॉनॉमिक्स स्थिरता सुनिश्चित करना है. उनका कहना है कि निवेशक तभी भरोसा करते हैं जब मुद्रा स्थिर हो, मुनाफे की वापसी सुनिश्चित हो और आर्थिक नीतियों में स्थिरता दिखाई दे.
मुहम्मद औरंगजेब ने बताया कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार धीरे-धीरे सुधर रहा है और यह अब लगभग तीन महीने के आयात को कवर करने की स्थिति में है. उन्होंने इसे निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए आवश्यक “बुनियादी आर्थिक स्वच्छता” बताया.
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