अब चीन ने भी छोड़ा पाकिस्‍तान का साथ, BRICS के मंच से पहलगाम आतंकी हमले पर लगाई लताड़

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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BRICS Support India: पाकिस्‍तान के बाद भारत को बुरा भला कहने वाला कोई देश है तो वो है चीन. लेकिन आतंक के मुद्दे पर उसने भी भारत का साथ दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. हालांकि उसने हाल ही में हुए भारत और पाकिस्‍तान के बीच हुए संघर्ष में भारत के खिलाफ पाकिस्‍तान की मदद की थी.

दरअसल, ब्रासीलिया में शुक्रवार को आयोजित BRICS संसदीय मंच ने पहलगाम हमले की भर्त्सना करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई करने का संकल्प लिया. ब्रिक्‍स देशों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है, और इसके खिलाफ वैश्विक सहयोग आवश्यक है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता

BRICS मंच पर चीन के साथ-साथ कई मुस्लिम देशों की भागीदारी इस निंदा को और भी महत्वपूर्ण बनाती है. इससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है, क्योंकि उस पर लंबे समय से आतंकवाद को शह देने के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में यह घटनाक्रम भारत की आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक समर्थन जुटाने की कोशिशों को बल देता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता को दर्शाता है.

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का सशक्त संदेश

ब्रासीलिया में आयोजित BRICS संसदीय मंच की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का सशक्त संदेश दिया गया. बता दें कि इस मंच में भारत, ब्राज़ील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बैठक में भारत का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया. उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुद्दा उठाया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.

भारत के कूटनीतिक प्रयास का BRICS मंच पर दिखा असर

दरअसल, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजा है, जिसका मकसद पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करना है. हालांकि भारत के इस कूटनीतिक प्रयास का असर BRICS मंच में भी साफ दिखा, जहां चीन सहित कई मुस्लिम देशों ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत के रुख का समर्थन किया, जो भारत के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है. वहीं, पाकिस्‍तान के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है क्‍योंकि अब उसके खिलाफ वैश्विक माहौल तेजी से बनता दिख रहा है.

ओम बिड़ला के सुझावो पर बनी सहमति

इस बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा. उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद आज एक वैश्विक संकट का रूप ले चुका है, जिससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है. इस दौरान उन्‍होंने आतंकवाद से लड़ने के लिए कई प्रमुख उपाय भी बताए, जो निम्‍नवत है-

  • आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद पर रोक
  • इंटेलिजेंस साझा करने की प्रक्रिया को तेज करना
  • तकनीक के दुरुपयोग को रोकना
  • जांच और न्यायिक प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना

ओम बिरला द्वारा दिए गए सुझावों को बैठक में उपस्थित सभी देशों का समर्थन मिला और इन प्रस्तावों को BRICS संसदीय मंच की अंतिम घोषणा-पत्र में भी स्थान दिया गया. इस एकमत समर्थन को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

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