Canada: कनाडा में लगातार कट्टरपंथी मामले बढ़ते ही जा रहें है, जिसे लेकर वहां रह रहें भारतीयों और यहूदियों के अंदर डर का माहौल उत्पन्न हो रहा है. ऐसे में इन दोनों समुदायों ने कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुट होने का फैसला लिया है, जिसके तहत कनाडा इंडिया फाउंडेशन (CIF) और यहूदियों के संगठन Tafsik ने एक दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
इस सम्मेलन का आयोजन कनाडा के ओंटारियो के वुडब्रिज में किया गया है, जिसकी थीम कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुट (United Against Extremism) थी. इस कार्यक्रम में कनाडा के तमाम बड़ी-बड़ी हस्तियों को आमंत्रित किया गया, जिसमें कनाडा में कट्टरपंथी विचारधारा के उभार और उसके खतरों, विदेशी हस्तक्षेप और उसका कनाडा की सुरक्षा पर असर को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान कहा गया कि कनाडा बहु-संस्कृति वाला लोकतंत्र है, जिसे विदेशी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है.
इन मुद्दों पर की गई चर्चा
बता दें कि इस सम्मेलन में कनाडा की ऐतिहासिक सफलताओं के कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें 1985 के एअर इंडिया विमान विस्फोट, कट्टरपंथी समूहों को विदेशों से होने वाली फंडिंग में बढ़ोतरी और चरमपंथ से निपटने के लिए समन्वित प्रयासों, फर्जी खबरों और अंतरराष्ट्रीय अपराध शामिल है.
समुदाय को करना पड़ रहा धमकियों का सामना
सम्मेलन के आयोजक और कनाडा इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष रितेश मलिक ने कहा कि ‘इस राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन का उद्देश्य किसी एक समुदाय के बारे में नहीं है बल्कि ये कनाडा को बचाए रखने के लिए है. उन्होंने कहा कि हम इस देश की शांति और मूल्यों के लिए यहां आए थे और यहां कट्टरपंथ डरा रहा है. हमारे समुदाय को हर दिन धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब समय आ गया है कि नीतिनियंता, सुरक्षा एजेंसियां और चुने हुए प्रतिनिधि हमारी बात सुनें और इस दिशा में कदम उठाएं.’
अपराध और हिंसा का सामना कर रहें भारतीय कनाडाई
बता दें कि कनाडा में इन दिनों यहूदी और भारतीय कनाडाई लोगों को लगातार घृणा अपराध और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, हाल ही कनाडा में एक यहूदी स्कूल पर हमला हुआ. ऐसे में इस कार्यक्रम में इस्लामी कट्टरपंथ और खालिस्तानी अलगाववादियों और धुर वामपंथियों को लेकर भी चिंता जाहिर की गई.
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