Anita Anand: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया है. आनंद की विशेष जिम्मेदारी भारत के साथ संबंधों को बेहतर और मजबूत बनाने की होगी.
भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की जिम्मेदारी
पीएम कार्नी ने अनीता आनंद (Anita Anand) को विदेश मंत्री पद पर नियुक्त करते हुए कहा कि “उनका मिशन भारत के साथ लगभग टूट चुके संबंधों को फिर से स्थापित करना होगा. इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बेहतर तालमेल बनाकर अमेरिका के साथ संबंध मजबूत करना होगा.” नवनियुक्त विदेश मंत्री अनीता आनंद पहले परिवहन और रक्षा मंत्रालय संभाल चुकी हैं. जनवरी में उन्होंने कहा था कि वे राजनीति को छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में लौटेंगी. लेकिन पिछले महीने हुए चुनाव में फिर से चुने जाने के बाद पीएम कार्नी ने उन्हें मंत्रिमंडल में वापस आने और विदेश मामलों का मंत्रालय संभालने के लिए राजी कर लिया.
पीएम बनने के बाद कार्नी ने लिए बड़े फैसले
कार्नी को पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट विरासत में मिली थी. लेकिन उनके पास अब अपनी छाप छोड़ने का मौका है, उन्होंने पिछले महीने हुए चुनाव में लिबरल पार्टी को जीत दिलाई थी. पीएम बनने के बाद कार्नी ने कई बड़े फैसले लिए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो की कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 39 थी. कार्नी ने अपने कैबिनेट में 28 मंत्रियों को जगह दी है. सभी मंत्रियों से अपने काम में नए विचार, स्पष्ट फोकस और निर्णायक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पिछली कैबिनेट में शामिल भारतीय मूल के तीन राजनेताओं को अब जगह नहीं मिली है. नए मंत्रिमंडल में भारतीय मूल के कनाडाई कम हैं.
किन मंत्रियों को मिली क्या जिम्मेदारी
कनाडा के पीएम ने मनिंदर सिद्धू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री और भारतीय मूल के दो अन्य लोगों को राज्य सचिव नियुक्त किया है. यह पद राज्य मंत्री के समकक्ष माना जाता है. रूबी सहोता, जो पहले लोकतांत्रिक संस्थाओं की मंत्री थीं, उन्हें राज्य सचिव बनाया गया है और अपराध से निपटने का प्रभार दिया गया है. रणदीप सराय दस राज्य सचिवों में से एक हैं और वे अंतर्राष्ट्रीय विकास से निपटेंगे. अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध के दौरान शायद सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय डोमिनिक लेब्लांक को सौंपा गया है, जो कनाडा-अमेरिका व्यापार के लिए जिम्मेदार मंत्री होंगे. क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जो पहले वित्त मंत्रालय के साथ उप प्रधानमंत्री थीं, उन्होंने पार्टी नेतृत्व, उद्योग मंत्रालय के लिए कार्नी को चुनौती दी थी. आनंद, मेलानी जोली की जगह लेंगी, जिन्हें परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्रालय में भेजा गया है.