Donald Trump: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के ईरान के परमाणु खतरे के आकलन को गलत बताकर खारिज कर दिया है, जिसपर गबार्ड ने जोरदार प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उन्होंने मीडिया पर राजनीतिक नाटक को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर उनकी टिप्पणियों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप भी लगाया है.
दरअसल, गबार्ड ने कांग्रेस को दिए अपने पहले के बयानों का बचाव करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बेईमान मीडिया जानबूझकर मेरे बयान को गलत संदर्भ में ले रहा है और विभाजन पैदा करने के लिए फर्जी खबरें फैला रहा है. वहीं, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनकी (तुलसी गबार्ड) पूर्व में व्यक्त की गई उस राय को गलत बताया था, जिसमें गबार्ड ने कहा था कि अमेरिका के विचार में ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है.
ट्रंप ने गबार्ड के राय को बताया गलत
रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी सुपर पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के लिए धन जुटाने के लिए न्यूजर्सी पहुंचने पर ट्रंप से मार्च में कांग्रेस को दिए गए गबार्ड के बयान को लेकर सवाल किया गया. बता दें कि उस वक्त गबार्ड ने कहा था कि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियारों पर काम नहीं कर रहा है. इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि तो फिर, मेरा खुफिया समुदाय गलत है. खुफिया समुदाय में किसने ऐसा कहा?
सोशल मीडिया पर गबार्ड ने किया स्पष्ट
इसके बाद ट्रंप को जब बताया गया कि यह बात गबार्ड ने कही थी तो उन्होंने कहा कि उनकी राय गलत है.ऐसे में गबार्ड ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास खुफिया जानकारी है कि ईरान इस स्थिति में है कि वह कुछ हफ़्तों या महीनों के भीतर परमाणु हथियार बना सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि ऐसा होने नहीं दिया जाएगा.
इजरायल-ईरान जंग में शामिल होगा अमेरिका?
आपको ये भी बता दें कि इजरायल और ईरान के बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर ट्रंप यह तय करेंगे कि अमेरिकी सेना इस संघंर्ष में सीधे तौर पर शामिल होगी या नहीं. व्हाइट हाउस ने मुताबिक, अतिरिक्त समय की मांग इस तथ्य पर आधारित है कि निकट भविष्य में ईरान के साथ बातचीत की पर्याप्त संभावना है या नहीं. हालांकि शुक्रवार को ट्रंप ने खुद इस बात पर संदेह जताया कि बातचीत से इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई रुक सकती है.
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