पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान में भूकंप, जोरदार झटके से फैली दहशत, घरों से बाहर भागते नजर आए लोग

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New Delhi: पाकिस्तान चीन और अफगानिस्तान में गुरुवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस होते ही लोगों में दहशत फैल गई और घरों से बाहर निकल आए. इस्लामाबाद में 4.3, काबुल में 4.4 और झिंजियांग में 4.7 की तीव्रता मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र NCS ने सुबह झिंजियांग में भूकंप की सूचना दी. भूकंप की तीव्रता 4.7 रही. यह भूकंप रविवार को चीन में आए 4.9 तीव्रता के एक और भूकंप के कुछ दिनों बाद आया है.

अफगानिस्तान के काबुल में 4.4 तीव्रता का आया भूकंप

NCS के अनुसार 26 अक्टूबर का भूकंप 130 KM. की गहराई पर आया था. इससे पहले 7 सितंबर को चीन में 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर 4.1 तीव्रता का एक और भूकंप आया था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार अफगानिस्तान के काबुल में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है.

27 हो गई है मरने वालों की कुल संख्या

टोलो ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सोमवार रात उत्तरी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में बुधवार तक मरने वालों की कुल संख्या 27 हो गई है जबकि लगभग 1,000 अन्य लोग घायल हुए हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र NCS के अनुसार गुरुवार को पाकिस्तान में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप 240 KM की गहराई पर आया. इससे पहले पाकिस्तान में 160 KM की गहराई पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था.

दुनिया के भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है पाकिस्तान

इससे पहले 24 अक्टूबर को 3.7 तीव्रता का एक और भूकंप इस क्षेत्र में 10 KM की उथली गहराई पर आया था, जिससे यह क्षेत्र आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील हो गया था. पाकिस्तान दुनिया के भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है जहां कई बड़े भ्रंश स्थित हैं. बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे प्रांत यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं, जबकि सिंध और पंजाब भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं, जिससे यहाँ अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

भूकंपीय तरंगों की सतह तक पहुंचने की दूरी कम

उथले भूकंप आमतौर पर गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि उथले भूकंपों से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों की सतह तक पहुंचने की दूरी कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप जमीन का कंपन अधिक होता है और संरचनाओं को अधिक नुकसान और अधिक हताहत होने की संभावना होती है. चीन की भौगोलिक स्थिति इसे बार-बार भूकंपीय गतिविधियों के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनाती है. यह दो सबसे बड़ी भूकंपीय पट्टियों, प्रशांत महासागरीय भूकंपीय पट्टी और भारत के आस-पास की भूकंपीय पट्टी के बीच स्थित है.

भूकंपीय विखंडन क्षेत्र अच्छी तरह विकसित

प्रशांत प्लेट, भारतीय प्लेट और फिलीपींस प्लेट द्वारा संकुचित इस क्षेत्र में भूकंपीय विखंडन क्षेत्र अच्छी तरह विकसित हैं. 20वीं सदी की शुरुआत सेए चीन में 6 या उससे अधिक तीव्रता के 800 से ज़्यादा भूकंप आ चुके हैं. गुइझोउ, झेजियांग और हांगकांग को छोड़कर लगभग सभी प्रांतोंए नगर पालिकाओं और स्वायत्त क्षेत्रों में भूकंप आए हैं.

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