‘ट्रंप को टैरिफ पसंद हैं’, H1-B वीजा नियमों में बदलाव को लेकर मस्‍क का बड़ा बयान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Elon Musk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बदलाव और सख्त नियमों की घोषणा के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का एक बयान सामने आया है, जो शायद ट्रंप को पसंद न आए. एलन मस्क अमेरिका में रह रहे भारतीयों की जमकर सराहना करते हुए कहा कि भारतीय प्रवासियों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा हुआ है. एक पॉडकास्ट में मस्क ने कहा कि भारतीय उद्यमियों को भारत में ही कंपनियां स्थापित करना चाहिए, क्योंकि भारत में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है.

उच्‍च कौशल वाले लोगों की जरूरत

जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने हाल ही में अपने पॉडकास्ट ‘डब्ल्यूटीएफ’ में एलन मस्क से बात की. इस दौरान मस्क ने कहा कि अमेरिका को अब पहले से कहीं ज्यादा भारत के उच्च कौशल वाले लोगों की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों की तरफ से वीजा सिस्टम के गलत इस्तेमाल की भी आलोचना की.

भारत के टैलेंट का फायदा उठाने वाला है अमेरिका

एलन मस्क ने कहा, “अमेरिका भारत से टैलेंट का बहुत बड़ा फायदा उठाने वाला रहा है. उनकी कंपनियों को खास पदों को भरने में लगातार मुश्किल होती है क्योंकि हमेशा प्रतिभाशाली लोगों की कमी रहती है. मस्क ने कहा कि अमेरिका में एच-1B प्रोग्राम का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ है, लेकिन इसे बंद करने से मैं सहमत नहीं हूं. ”

मस्‍क ने जो बाइडेन पर साधा निशाना

उन्होंने बाइडेन सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार का तरीका बिना किसी बॉर्डर कंट्रोल के सभी के लिए एच-1B वीजा पूरी तरह से फ्री करने जैसा था. इससे गैर-कानूनी प्रवासन और एक नकारात्मक सेलेक्शन के प्रभाव को बढ़ावा मिला. उन्होंने कहा, “जब तक आपके पास बॉर्डर कंट्रोल नहीं है, आप एक देश नहीं हैं. ”

ट्रंप के टैरिफ को रोकने में नहीं हुआ सफल: मस्‍क

वहीं ट्रंप के टैरिफ को लेकर एलन मस्क ने कहा कि मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति को टैरिफ के मामले में रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो पाया. टैरिफ किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय में नुकसानदायक होते हैं. ट्रंप को टैरिफ पसंद हैं और वे इस मामले में अपने फैसले से पीछे हटने वाले नहीं थे. टैरिफ, मार्केट को डिस्टर्ब करते हैं और ट्रेड को कम एफिशिएंट बनाते हैं.

इसे समझाने के लिए मस्क ने एक उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि अगर शहरों या राज्यों के बीच भी टैरिफ लगा दिए जाएं तो कोई भी इकोनॉमी रुक जाएगी. देशों के बीच ट्रेड पर भी यही तर्क लागू होता है.

क्‍या है एच-1बी वीजा के नए नियम?

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने नए एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क बढ़ाकर 100,000 डॉलर (यानी करीब 89 लाख रुपये) कर दिया था. इसे 21 सितंबर 2025 से लागू किया गया. हालांकि ट्रंप का कहना है कि वह प्रतिभा का सम्मान करते हैं और यह सलाना फीस नहीं होगी. यह नियम नए वीजा पर लागू होगा.

एच1बी वीजा 1990 के इमिग्रेशन एक्ट द्वारा बनाया गया था. इससे अमेरिकी कंपनियों को विदेशी प्रतिभाशाली लोगों को नौकरी देने की इजाजत मिलती है. इस प्रोग्राम को हर साल 65,000 वीजा तक सीमित किया जाता है. एच1बी वीजा का सबसे ज्यादा लाभ भारत को मिलता है. 2024 में सभी एच1बी अप्रूवल में से 71 फीसदी भारतीयों को मिले. इसके बाद लगभग 12 फीसदी चीनी नागरिकों को एच1बी वीजा मिला. अमेरिका ने 2024 में लगभग 400,000 एच1बी वीजा को मंजूरी दी, जिसमें लिमिट के बाहर के रिन्यूअल भी शामिल थे.

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