Turkiye: मिडिल-ईस्ट में जारी ईरान-इजरायल जंग के बीच तुर्किए की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है. राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन की सरकार वर वामपंथी पार्टी वर्कर्स पार्टी ऑफ टर्की (TİP) ने गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्षी पार्टी का कहना है कि तुर्किए की सत्ता अमेरिका की खुली साझेदार है और इजरायल की चुपचाप मदद कर रही है. टीआईपी ने इसे तुर्की के भविष्य और सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.
इजरायल की मदद कर रही एर्दोआन की सरकार
विपक्षी पार्टी टीआईपी ने अपने तीखे बयान में कहा है कि एकेपी और एमएचपी की गठबंधन सरकार ने पूरे क्षेत्र को खून-खराबे की ओर धकेला है. बयान में महल शासन शब्द का इस्तेमाल कर राष्ट्रपति एर्दोआन की केंद्रीकृत सत्ता पर हमला बोला गया. पार्टी ने आरोप लगाया है कि एर्दोआन की सरकार पर्दे के पीछे से इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर रही है, जबकि बाहर से इजरायल की निंदा करने का दिखावा कर रही है.
जनता से गद्दारी का लग रहा आरोप
TİP का आरोप है कि एर्दोआन सरकार जनता में इजरायल के खिलाफ बयानबाज़ी करती है और फिलिस्तीन के समर्थन में बातें करते है, लेकिन पीछे से इजरायल के साथ व्यापार और सैन्य सहयोग जारी रखती है. टीआईपी का कहना है कि इस दोहरे मापदंड का उद्देश्य जनता को गुमराह करना तथा उनके विश्वास को तोड़ना है. विपक्षी पार्टी ने दावा किया कि तुर्किए की बंदरगाहों से इजरायल को तेल और सैन्य सामान की सप्लाई की जा रही है. इसके अलावा, राष्ट्रपति एर्दोआन के परिवार से जुड़ी कुछ कंपनियों पर भी इजरायल से कारोबारी रिश्ते रखने के आरोप लगाए गए हैं.
अमेरिकी सैन्य ठिकानों को लेकर व्यक्त की चिंता
पार्टी ने इंकिरलिक एयरबेस (Adana) और कूरेजिक रडार स्टेशन (Malatya) जैसे अमेरिकी सैन्य ठिकानों को लेकर चिंता व्यक्त किया. वामपंथी पार्टी वर्कर्स पार्टी ऑफ टर्की का कहना है कि ये ठिकाने तुर्की को युद्ध में खींच सकते हैं और इन्हें तत्काल बंद किया जाना चाहिए. कूरेजिक स्टेशन को लेकर ये भी आरोप है कि वहां से जुटा डेटा इजरायल के साथ शेयर हो सकता है, जिससे ईरान पर हमले में सहायता मिलती है.
कब तक चलेगा एर्दोआन का दोहरा खेल?
टीआईपी ने तुर्की सरकार की सीरिया नीति का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि एर्दोआन ने पहले असद विरोधी ताकतों को समर्थन दिया और अब उसी सरकार से गलबहियां कर रहा है. ये सब पश्चिमी ताकतों की चालों को साधने के लिए किया गया. अंत में टीआईपी ने तुर्की और पूरे इलाके की जनता से एकजुट होकर खड़े होने की अपील की. कहा गया कि अब समय आ गया है कि हम अपने भविष्य का फैसला स्वयं करें कि इजरायल के समर्थन में खड़ी ताकतों को जवाब दें और फिलिस्तीन की आजादी की लड़ाई में मजबूती से सपोर्ट दें.
ये भी पढ़ें :- मयूरासन से उष्ट्रासन तक, अधिकतर योगासनों के नाम पशु-पक्षियों पर क्यों हैं?