भारत के पास गोला-बारूद का खजाना, इन देशों की तरह लंबे युद्ध के लिए तैयार भारतीय सेना

Exclusive : ऑपरेशन सिंदूर के बाद शायद ऐसा कोई दिन बाकी नही होगा जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कोई बयान सामने ना आया हो. क्‍योंकि इस ऑपरेशन के बाद राजनाथ सिंह प्रतिदिन सैनिकों, डिफेंस मिनिस्ट्री से जुड़े ब्यूरोक्रेट्स, प्राइवेट कंपनियों के नुमाइंदों या फिर आमजन को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान कर रहे हैं. ऐसे में उनके संबोधन में लगातार ये बात सामने आ रही है कि सेना के साथ-साथ देश को भी युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना है. ऐसा युद्ध जो महज चार दिन से लेकर महीनों या फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की तरह कई वर्षों तक खिंच सकता है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भारत (और भारत की सेना) एक लंबे युद्ध के लिए तैयार है. क्‍योंकि जब देश के गोला-बारूद की बात आती है तो करीब डेढ़ दशक पहले तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह (रिटायर) की चिट्ठी याद आ जाती है, बता दें कि इसमें करीब दस दिनों के गोला-बारूद का जिक्र किया गया था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में भारत के रिजर्व वॉर-स्टोर यानी युद्ध के लिए जरूरी गोला-बारूद की स्थिति क्या है, इस मामले को लेकर मीडिया का कहना है कि भारतीय सेना के एक थ्री स्टार जनरल से (ऑफ कैमरा) खास बात की.

करीब 90 प्रतिशत भारत में बन रहा गोला-बारूद

जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि इस वक्त भारतीय सेना (थलसेना) जितना भी गोला-बारूद इस्तेमाल करती है, उनमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा भारत में ही तैयार किया जाता है. उन्‍होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तहत आज सरकारी कंपनियों के साथ-साथ अडानी डिफेंस, सोलर इंडस्ट्री, एसएमपीपी और भारत-फोर्ज जैसी करीब 20 ऐसी निजी क्षेत्र की कंपनियां हैं, जो हथियारों के साथ-साथ गोला-बारूद और दूसरा एम्युनिशन बना रही हैं. ऐसे में युद्ध की स्थिति में किसी भी तरह से गोला-बारूद की कमी न हो. ये बात खुद अडानी डिफेंस के सीनियर एग्ज्यूकेटिव, सार्वजनिक तौर से कह चुके हैं.

7-10 वर्षों तक के लगातार ऑर्डर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोला-बारूद बनाने वाली बड़ी प्राइवेट कंपनियों की रक्षा क्षेत्र में हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए अगले 7-10 वर्षों तक के लगातार ऑर्डर देने का आश्वासन दिया गया है. यही मुख्‍य कारण है कि राजनाथ सिंह और टॉप मिलिट्री लीडरशिप एक लंबे युद्ध के लिए तैयार हैं.

दुश्मन को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा

वैसे तो इस बात को लेकर सहमति है कि भारत कभी भी युद्ध का पक्षधर नहीं रहा है, लेकिन अगर पहलगाम हमले जैसी कोई भी घटना सामने आती है तो दुश्मन को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. क्‍योंकि पीएम मोदी ने किसी भी आतंकी घटना को युद्ध की तरह मानने का ऐलान कर दिया है. जनरल ने ये भी कहा कि गोला-बारूद की लाइफ बेहद अहम है. इस दौरान इसकी जिम्मेदारी कंपनियों के कंधों पर होगी.

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