Financial Action Task Force: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने भी 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है. साथ ही ये भी कहा है कि यह हमला वित्तीय सहायता के बिना संभव नहीं हो सकता. एफएटीएफ ने इस संबंध में कहा कि पहलगाम हमला और हाल के अन्य हमले आतंकवादी समर्थकों के बीच धन के लेन-देन के बिना नहीं हो सकते.
आतंकवादी गुटों को धन मुहैया कराने के खिलाफ बड़ा कदम
ऐसे में वित्तीय कार्रवाई बल ने आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराए जाने के खिलाफ सख्त कदम उठाया और अपने वैश्विक नेटवर्क के भीतर 200 से अधिक अधिकार क्षेत्रों को अपने समर्थन की पुष्टि की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि एफएटीएफ जल्द ही अपने वैश्विक नेटवर्क की ओर से उपलब्ध कराए गए मामलों के आधार पर आतंकवादी गुटों को धन मुहैया कराने के बारे में एक व्यापक विश्लेषण जारी करेगी.
आतंकवाद के खिलाफ होना होगा एकजुट
वहीं, हाल ही में एफएटीएफ की अध्यक्ष एलिसा डी एंडा माद्राजो ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि कोई भी कंपनी, प्राधिकरण या देश अकेले आतंकवाद की चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकता है और वैश्विक आतंकवाद के संकट के खिलाफ दुनिया को एकजुट होना चाहिए.
पहली बार एफएटीएफ ने किया ये स्वीकार
बता दें कि पिछले एक दशक में एफएटीएफ ने तीसरी बार आतंकवादी हमले की निंदा की है. वहीं, ऐसा पहली बार है, जब एफएटीएफ “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” को वित्तपोषण स्रोत के रूप में स्वीकार कर रहा है.
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