New Delhi: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संकट के समय शरण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने देश को एक महत्वपूर्ण पड़ोसी और पार्टनर बताया. बता दें कि इससे पहले ढाका द्वारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग के बीच उनके बेटे साजीब वाजेद ने भी भारत के समर्थन के लिए आभार जताया था. खासकर, उन्होंने PM नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया था.
दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की तारीफ
शेख हसीना ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की तारीफ की. बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर हसीना ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण पड़ोसी और पार्टनर है. मैं प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन और दोनों देश के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की कद्र करती हूं. व्यक्तिगत और कूटनीतिक स्तर पर मैं खतरे के समय मुझे दी गई शरण के लिए आभारी हूं.
मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा
भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध बांग्लादेश के हित में हैं और वे स्थायी क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं. पिछले साल अगस्त में जब हसीना की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार हिंसक प्रदर्शन के बीच गिर गई, तब वह भारत आ गईं. हाल ही में ढाका में एक स्पेशल ट्रिब्यूनल ने उन्हें उनकी गैरमौजूदगी में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई.
मैं निजी बातचीत और रिश्तों के बारे में बात नहीं करना चाहती
आरोप था कि हसीना प्रशासन द्वारा छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों को बेरहमी से दबाया गया. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि मैं निजी बातचीत और रिश्तों के बारे में बात नहीं करना चाहती. हालांकि मैं कहूंगी कि मैं भारत के लोगों की लगातार मदद के लिए उनकी आभारी हूं. पिछले हफ्ते अवामी लीग के संयुक्त महासचिव बहाउद्दीन नसीम ने कहा था कि ऐतिहासिक रूप से भारत-बांग्लादेश का एक सच्चा और भरोसेमंद दोस्त रहा है.
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना
इससे पहले नवंबर में बांग्लादेश के पूर्व मंत्री और अवामी लीग के नेता मोहम्मद अली अराफात ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि इस्लामी चरमपंथियों द्वारा समर्थित सरकार पार्टी के भारत के साथ संबंधों को कभी नहीं समझेगी.
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