Ganga Aarti in Canada: कनाडा के मिसिसॉगा शहर में भारतीय सांस्कृतिक परंपरा की झलक दिखाई. इस दौरान शहर के क्रेडिट नदी के किनारे प्रवासी भारतीयों ने गंगा आरती की. जिसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई है. नदी के किनारे हुई गंगा आरती का आयोजन रेडियो धिशुम की टीम द्वारा किया गया था, जिसमें भारतीय वाणिज्य दूतावास, टोरंटो के काउंसल संजीव सकलानी ने भी हिस्सा लिया था. साथ ही उन्होंने इसे “दिव्य भजनों और पवित्र मंत्रों की आत्मीय संध्या” करार दिया.
भारतीय परंपराओं को विदेशी धरती पर जीवंत करने का प्रयास
नदी के तट पर आयोजित इस गंगा आरती में भारतीय मूल के लोग ट्रेडिशनल ड्रेस में शामिल हुए. इस दौरान दीयों की रोशनी, भक्ति भजनों और मंत्रों की गूंज ने वाराणसी और हरिद्वार के घाटों की याद दिला दी. क्रेडिट नदी के तट पर यह आयोजन भारतीय परंपराओं को विदेशी धरती पर जीवंत करने का एक प्रयास था, जिसका उद्देश्य भारतीय डायस्पोरा को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जोड़े रखना था.
Consul Sanjeev Saklani represented the Consulate at the Ganga Aarti, a soulful evening of divine chants and pious mantras at the banks of the Credit River at Erindale Park, Mississauga organized by Team @RadioDhishum.@HCI_Ottawa @MEAIndia @diaspora_india pic.twitter.com/DO2ceopVVw
— IndiainToronto (@IndiainToronto) July 8, 2025
सोशल मीडिया पर आई मिलीजुली प्रतिक्रिया
इस दौरान कई लोगों ने जहां इस आयोजन को सांस्कृतिक गौरव और आध्यात्मिक जुड़ाव के प्रतीक के रूप में सराहा, तो वहीं, सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी आलोचना भी हुई. ऐसे में कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि “क्रेडिट नदी गंगा नहीं है, वे किसकी पूजा कर रहे हैं?” वहीं, एक अन्य ने टिप्पणी की, “किसी भी नदी के किनारे आरती करने से वह गंगा आरती नहीं हो जाती. अगर इतना ही शौक है, तो भारत लौटकर असली गंगा की सफाई करें.” जबकि कुछ ने इसे भारतीय परंपराओं का “मजाक” और “पवित्रता का अपमान” तक बता दिया.
वहीं, दूसरी ओर समर्थकों ने तर्क दिया कि यह आयोजन भौगोलिक सीमाओं से परे आस्था और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. इस दौरान एक यूजर ने लिखा कि “आस्था का संबंध इरादे से है, न कि भौगोलिक स्थिति से.”
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