नेपाल में हिंसा पर भड़की मनीषा कोइराला,बोलीं-जनता को गोलियों से जवाब देना शर्मनाक..!

Kathmandu: बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने नेपाल में सोशल मीडिया बैन करने और इसके विरोध में हुई हिंसा पर नाराजगी जताई है. मनीषा कोइराला ने इसे नेपाल के लिए ‘काला दिन’ बताया है. वह नेपाल सरकार पर नाराज हैं. नेपाल से ताल्लुक रखने वाली एक्ट्रेस मनीषा ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर की.

आज नेपाल के लिए एक काला दिन 

एक्ट्रेस ने एक ऐसी तस्वीर साझा की जिसमें एक जूता खून से सना हुआ पड़ा है. इस पोस्ट के साथ मनीषा ने लिखा कि ‘आज नेपाल के लिए एक काला दिन है, जब जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाती है, तो उसका जवाब गोलियों से देना एक दुखद और शर्मनाक कदम है.’ मनीषा कोइराला का जन्म नेपाल के विराटनगर में हुआ है. वह एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता प्रकाश कोइराला नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनकी दादी नेपाल की पहली महिला मंत्री थीं. इसलिए मनीषा की नेपाल के इतिहासए राजनीति और संस्कृति से गहरी जुड़ाव रहा है.

देश के युवा सड़कों पर उतर आए…

नेपाल में हाल ही में सरकार द्वारा सोशल मीडिया बैन किए जाने के बाद देश के युवा सड़कों पर उतर आए. इस प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी, कई युवाओं की जान चली गई और इसी मुद्दे पर बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने नेपाल सरकार पर नाराजगी जताई है. 4 सितंबर 2025 को नेपाल सरकार ने व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, X (ट्विटर) सहित कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया. सरकार का कहना था कि यह कदम अफवाहों और गलत जानकारी को रोकने के लिए उठाया गया.

Gen-Z (युवा वर्ग) ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर माना हमला

लेकिन यह फैसला देश की युवा पीढ़ी को रास नहीं आया. खासतौर पर Gen-Z (युवा वर्ग) ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला माना और सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. सोशल मीडिया बैन के विरोध में शुरू हुआ यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक रूप ले बैठा. रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक इस आंदोलन में करीब 24 युवाओं की मौत हो चुकी है. सोशल मीडिया पर इस आंदोलन की चौंकाने वाली तस्वीरें वायरल हो रही हैं,  जिसमें आंसू गैस, लाठीचार्ज और खून से सनी सड़कें देखी जा सकती हैं.

जनआक्रोश के चलते आखिरकार नेपाल सरकार को हटना पड़ा पीछे 

लगातार बढ़ते दबाव और जनआक्रोश के चलते आखिरकार नेपाल सरकार को पीछे हटना पड़ा. उसने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन हटा लिया है और सेवाएं फिर से सामान्य कर दी गई हैं. हालांकि, जिन युवाओं ने इस विरोध में अपनी जान गंवाई, उन्हें लेकर अब देशभर में शोक और आक्रोश का माहौल है.

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