‘हां इजरायली हमले में ही मारा गया अबू उबैदा’, चेहरा ढककर करता था PC, हमास ने IDF के दावे पर लगाई मुहर

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Gaza: पहले इजरायली सेना ने अल क़सम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा के मारे जाने की बात कही थी, वहीं अब हमास ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. अबू उबैदा अगस्त में हुए एक हमले में मारा गया था. हमास ने गाजा प्रमुख मोहम्मद सिनवर समेत अन्य लोगों के मौत की भी पुष्टि की है. पहले इजरायली सेना ने इन बातों का दावा किया था. अबू उबैदा चेहरा ढककर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए जाने जाते थे. अबू उबैदा हमास के प्रतिरोध का चेहरा बन गए थे.

हमास की सशस्त्र शाखा ने दोहराया कि हथियार नहीं डालेंगे

हमास ने पहली बार कबूल किया है कि उसका पोस्टर बॉय और प्रवक्ता अबू ओबैदा इजरायली हमले में मारा गया है. वहीं दूसरी ओर हमास की सशस्त्र शाखा इज्जुद्दीन अल-कसम ब्रिगेड्स ने दोहराया है कि वे हथियार नहीं डालेंगे. 31 अगस्त को इजरायली सेना (IDF) और शिन बेट (इजरायली सुरक्षा एजेंसी) दोनों ने अबू ओबैदा की मौत की पुष्टि की थी लेकिन हमास ने अब तक इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की थी. आतंकी संगठन हमास ने मोहम्मद सिनवार, हखम मुहम्मद इस्सा अल-इस्सा, मुहम्मद शबाना और राद साद की मौत की भी पुष्टि की.

खलील अल-हय्या और खालिद मशाल इस दौड़ में सबसे आगे

नए प्रवक्ता ने पुष्टि की कि उसने पिछले प्रवक्ता जिसका कानूनी नाम हुथैफा समीर अब्दुल्ला अल-कहलाउट है, से अबू ओबैदा का उपनाम विरासत में लिया है जिसका मतलब है उपासकों का पिता. यह घोषणा हमास के अंदर होने वाले नेतृत्व चुनाव की खबरों के सामने आने के तुरंत बाद हुई है. माना जा रहा है कि खलील अल-हय्या और खालिद मशाल इस दौड़ में सबसे आगे हैं. गाजा में जारी अनिश्चितता के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की.

गाजा शांति योजना के अगले चरण में जाने के लिए दबाव

यह मुलाकात फ्लोरिडा में ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हुई. यह अहम मुलाकात ऐसे समय में हुई जब ट्रंप गाजा शांति योजना के अगले चरण में जाने के लिए दबाव डाल रहे थे. ट्रंप ने नेतन्याहू की जमकर तारीफ की और उन्हें युद्धकालीन प्रधानमंत्री बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर नेतन्याहू प्रधानमंत्री नहीं होते तो शायद आज इजरायल का अस्तित्व ही नहीं होता.

इजरायल को एक खतरनाक दौर से बचाया

ट्रंप ने कहा कि नेतन्याहू एक असाधारण काम कर रहे हैं और उन्होंने इजरायल को एक खतरनाक दौर से बचाया है. ट्रंप ने नेतन्याहू की मौजूदगी में कहा कि अगर सही प्रधानमंत्री नहीं होते तो शायद आज इजरायल का अस्तित्व ही नहीं होता. इस मुलाकात में ट्रंप ने मांग की कि गाजा संघर्ष विराम समझौते के दूसरे चरण में जाने से पहले हमास को पूरी तरह से निरस्त्र किया जाना चाहिए.

पांचवीं बार अमेरिका में मिले ट्रंप और नेतन्याहू

वहीं हमास की सशस्त्र शाखा इज्जुद्दीन अल-कसम ब्रिगेड्स ने दोहराया है कि वे हथियार नहीं डालेंगे. उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए बताया कि जब तक इजरायली कब्जा जारी रहेगा, तब तक प्रतिरोध भी जारी रहेगा. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि उनके प्रवक्ता अबू उबैदा 30 अगस्त को एक इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे. इस साल यह पांचवीं बार है जब ट्रंप और नेतन्याहू अमेरिका में मिले हैं.

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