चीन ने पाकिस्तान को सौंपी दूसरी पनडुब्बी, पांचवीं पीढ़ी का लडाकू विमान देने की भी है योजना

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Hangor-class Submarine: चीन और पाकिस्‍तान की नजदीकियां काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है. इसी बीच चीन ने अरब सागर में भारत के पास हिंद महासागर में अपनी स्थिति सुदृढ़ करने की रणनीति के तहत पाकिस्तानी नौसेना को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में ही अब ड्रैगन ने अत्याधुनिक हथियारों और संवेदकों से लैस दूसरी पनडुब्बी पाकिस्‍तान को सौपीं है.

दरअसल, चीन के आधिकारिक मीडिया के मुताबिक, हंगोर श्रेणी की पनडुब्बी को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान में जलावतरण किया गया. यह पनडुब्‍बी चीन और पाकिस्‍तान के बीच करीब पांच अरब डॉलर के सौदे के तहत दी गई आठ पनडुब्बियों में शामिल है.

पाकिस्तानी नौसेना का मुख्य आधार बन सकती है पनडुब्बी

चीन के इस कदम का उद्देश्‍य पाकिस्‍तान की नौसैनिक ताकतों को बढ़ाना है. हालांकि इससे पहले भी चीन पाकिस्‍तान को चार आधुनिक नौसैनिक ‘फ्रिगेट’ सौंप चुका है. ऐसे में अरब सागर में लागातार चीनी नौसेना का विस्‍तार हो रहा है. वह बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने के साथ ही हिंद महासागर में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है. इस दौरान एक चीनी विशेषज्ञ ने बताया कि नई पनडुब्बी में मजबूत व्यापक युद्ध क्षमता है, जो पाकिस्तानी नौसेना का मुख्य आधार बन सकती है.

नई पनडुब्बी की विशेषताएं

चीनी सैन्य मामलों के विशेषज्ञ झांग जुनशी ने बताया कि हंगोर श्रेणी की पनडुब्बियों में पानी के अंदर मजबूत युद्ध क्षमताएं हैं और वे वायु-स्वतंत्र प्रणोदन प्रणाली से सुसज्जित हैं, जो इसे मजबूत, लंबे समय तक गुप्त रूप से परिचालन करने और गतिशीलता की क्षमता प्रदान करते हैं. वहीं, इसकी मारक क्षमता में टॉरपीडो, जहाज रोधी मिसाइलें और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता के साथ-साथ उन्नत पानी के नीचे दुश्मन की पहचान प्रणाली भी शामिल है.

पाकिस्‍तान को पांचवीं पीढी का विमान देगा चीन

सैन्य टिप्पणीकार और चीनी सेना के पूर्व प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने बताया कि यदि पाकिस्तान अनुरोध करता है तो चीन अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, जे-35, स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर का भी उसे निर्यात कर सकता है. बता दें कि पाकिस्‍तान और चीन के बीच हुए समझौते के तहत पाकिस्तान चीन से आठ हैंगर श्रेणी की पनडुब्बियां खरीदेगा, जिसमें से चार का निर्माण चीन में किया जाएगा, जबकि बाकी का निर्माण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत कराची में किया जाएगा.

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