‘गिरफ्तारी से बच रहा…’, हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना ‘सलाहुद्दीन’ के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Hizbul Mujahideen: जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्‍तान में रह रहे हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ ​​सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. इसके साथ कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने का भी निर्देश दिया है.

पाकिस्तान भागा सरगना

बता दें कि सैयद सलाहुद्दीन ने साल 1987 में घाटी में विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद 1990 में कश्मीर में उग्रवाद फैलने पर पाकिस्तान भाग गया था. ऐसे में कश्मीर की स्पेशल कोर्ट ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख गिरफ्तारी से बच रहा है. गैर-जमानती वारंट जारी कर उसे गिरफ्तार किया जाए.

आतंकवाद से जुड़े मामले में जारी हुआ वारंट

दरअसल, पाकिस्तान में रहने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना मोहम्मद यूसुफ शाह, जिन्हें सैयद सलाहुद्दीन के नाम से जाना जाता है. उसके खिलाफ 2012 में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए आतंकवाद से जुड़े एक मामले में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ है.

इन धाराओं में दर्ज हुए मामले पर हुई सुनवाई

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के विभिन्न प्रावधानों और रणबीर दंड संहिता (RPC) की धारा 506 के तहत दर्ज मामले की सुनवाई के बाद यह निर्देश जारी किया. रणबीर दंड संहिता, 2019 तक जम्मू कश्मीर के लिए विशिष्ट आपराधिक कानूनी संहिता थी, जो भारतीय दंड संहिता के समान थी.

गिरफ्तारी से बच रहा आरोपी

कोर्ट का कहना है कि जांच अधिकारी ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं, जो प्रथम दृष्टया शाह को संप्रभुता को खतरा, आतंकी साजिश और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता से संबंधित यूएपीए की धारा 13, 18, 20 और 39 के तहत विभिन्न अपराधों से जोड़ते हैं. कोर्ट ने ये भी कहा है कि आरोपी गिरफ्तारी से बच रहा है, इसलिए सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया और जम्मू कश्मीर पुलिस को प्राथमिकी के संबंध में उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया.

सलाहुद्दीन 2020 में घोषित किया गया आतंकी

गौरतलब है कि सलाहुद्दीन 1993 में पाकिस्तान भाग गया था और 2020 में सरकार द्वारा उसे आतंकवादी घोषित किया गया था. वहीं, मौजूदा समय में पाकिस्तान से ही अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है और कई आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (UJC) का प्रमुख भी है. ऐसे में एनआईए ने 2023 में सलाहुद्दीन और उसके दो बेटों से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क कर लिया था. आतंकी वित्तपोषण मामले में गिरफ्तारी के बाद उसके बेटों को 2021 में सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

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