भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने रचा इतिहास, तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

Raginee Rai
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Houston: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स ने इतिहास रच दिया है. बुधवार को सुनीता विलियम्‍स एक अन्‍य सहकर्मी बुच विल्मोर के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी. इसके साथ ही दोनों बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बन गए है. वहीं सुनीता ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया है. बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन कई बार के विलंब के बाद विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर फ्लोरिडा के ‘केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन’ से रवाना हुआ.

कब होगी वापसी 

सुनीता विलियम्स का स्टारलाइनर अभियान 5 जून, दिन बुधवार को केप कैनावेरल अंतिक्ष स्टेशन से शुरू हुआ. विलियम्‍स और विल्‍मोर की इस अंतरिक्ष यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है. यान आज यानी 6 जून को अंतरिक्ष स्‍टेशन पहुंचेगा. दोनों अंत‍रिक्ष यात्री अं‍तरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक हफ्ते से अधिक समय बिताएंगे. इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे.

दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव

सुनीता ने मई 1987 में अमेरिकी नेवी अकादमी से ट्रेनिंग लिया था. उन्‍होंने एक्‍सपीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्‍स्‍पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी. 1998 में नासा ने सुनीता विलियम्‍स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था. इससे पहले वो दो बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं.

सुनीता की पहली यात्रा 

पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन 14/15 के दौरान विलियम्स ने 9 दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ उड़ान भरी थी. 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंची. इसके बाद एक्स्पीडिशन 32/33 में सुनीता ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी की फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. वह अंतरिक्ष में 127 दिन रहने के बाद 18 नवंबर 2012 को वापस आईं थीं.

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