इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और Hamas Leaders हो सकते हैं गिरफ्तार, अरेस्ट वारंट की घोषणा, जानिए क्या है मामला

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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ICC: इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से जंग छिड़ी हुई है. दोनों देशों के बीच हो रही इस जंग में अब तक 30 हजार से ज्‍यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग अपने आसियाने को छोड़ सहायता कैंपो में रहने को मजबूर है. वहीं, गाजा में अकाल जैसे हालात हो गए हैं.  इसी बीच जंग लेकर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत का सख्त रवैया देखने को मिला है.

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के शीर्ष प्रॉसिक्यूटर ने युद्ध के बीच अपराधों के लिए इजरायल और हमास के प्रमुखों पर आरोप लगाते हुए उन्हें मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में डाल दिया है.  

गिरफ्तारी वारंट की घोषणा

ICC के मुख्य प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू समेत हमास के तीन नेताओं और इजराइल के दो नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की घोषणा की है. बता दें कि उन्‍होंने बीते साल 7 अक्टूबर को हमास की ओर से इजरायल पर किए गए हमलों पर भी एक्शन लिया.

दरअसल, हमास के आतंकियों नें पिछले साल दक्षिणी इजराइल पर हमला करके करीब 1,200 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था साथ ही करीब 250 लोगों को बंधक भी बना लिया था. हालांकि इसके जवाब में इजररायल ने भी गाजा में सैन्य हमला किया जिसमें करीब 35,000 फलस्तीनीयों की मौत हो गई.

नेतन्याहू ने की निंदा 

हालांकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने इस फैसले की निंदा की है उन्‍होंने इसे ‘‘वास्तविकता से कोसों दूर’’ करार दिया है. नेतन्‍याहू ने कहा कि ”मैं हेग प्रॉसिक्यूटर द्वारा लोकतांत्रिक इजराइल और हमास के सामूहिक हत्यारों के बीच की गई तुलना को कड़े शब्दों के साथ अस्वीकार करता हूं.” जबकि हमास ने एक बयान में आरोप लगाया कि अभियोजक ‘पीड़ित की तुलना जल्लाद से करने की कोशिश कर रहे हैं.’ हमास के बयान के अनुसार  हमास के पास इजराइली कब्जे का विरोध करने का अधिकार है.

ICC: 2002 में हुई थी स्थापना 

आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत की स्थापना साल 2002 में हुई थी, जो युद्ध के दौरान अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार और हमले संबंधी अपराधों के लिए लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाती है.

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