India Brazil Defense: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जुलाई से 8 जुलाई तक ब्राजील में होंने वाले 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंने के लिए ब्रासीलिया का दौरा करेंगे. लेकिल उनके इस दौरे से पहले ही भारत और ब्राजील के बीच रक्षा सहयोग को लेकर अहम संकेत मिले हैं.
दरअसल, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व एंबेसडर पी. कुमारन ने सोमवार को बताया कि ब्राजील ने भारत के आकाश’ एयर डिफेंस सिस्टम और गरुड़’ आर्टिलरी गन सहित कई स्वदेशी रक्षा प्लेटफॉर्म में रुचि दिखाई है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सम्मेलन के दौरान ब्राजील के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर चर्चाएं होंगी, जिनमें संयुक्त अनुसंधान, तकनीक साझा करना और सैन्य प्रशिक्षण का आदान-प्रदान जैसे विषय शामिल हैं.
ब्राजील की प्राथमिकता
पी. कुमारन ने कहा कि ब्राजील की प्राथमिकताओं में सुरक्षित युद्ध संचार प्रणाली,ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स (OPVs), और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रखरखाव के लिए साझेदारी भी शामिल है. इसके अलावा, वो भारतीय ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली, तटीय निगरानी प्रणाली, और गरुड़ तोप प्रणाली को लेकर भी गंभीर है.
रक्षा उत्पादन में भारत-ब्राजील साझा कदम
दरअसल, ब्राजील अपने Embraer विमान उद्योग के लिए जाना जाता है, जो भारत के साथ रक्षा उत्पादन में संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures) स्थापित करने में भी रुचि रखता है. ऐसे में इस सहयोग से दोनों देशों को वैश्विक रक्षा बाजार में नई संभावनाएं मिल सकती हैं.
भारत की ताकत बनी स्वदेशी रक्षा प्रणाली
बता दें कि आकाश मिसाइल प्रणाली, DRDO द्वारा विकसित किया गया है. यह मिसाइल मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने में सक्षम है. इन मिसाइल 25 से 45 किलोमीटर दूर और 20 किलोमीटर तक ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने में भी इस मिसाइल का प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया था.
इसके अलावा, गरुड़ आर्टिलरी सिस्टम अपनी मोबिलिटी, सटीकता और तेजी से तैनाती की क्षमता के कारण भारतीय सेना की आधुनिक जरूरतों को पूरा कर रहा है. यह खास तौर पर तटीय सुरक्षा और रैपिड रिस्पॉन्स मिशनों के लिए बेहद उपयोगी है.
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