India-China Relations : भारत-चीन संबंधों को लेकर अमेरिका के रक्षा विभाग (पेंटागन) की हालिया रिपोर्ट से चीन भड़क गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत के साथ एलएसी पर तनाव कम होने का लाभ उठाकर द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करना चाहता है. इसके साथ ही अमेरिका-भारत संबंधों को और अधिक मजबूत होने से रोकना चाहता है.
इस मामले को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीन अपनी राष्ट्रीय रक्षा नीति को लेकर पेंटागन की टिप्पणियों का विरोध करता है. ऐसे में उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखता है. इसके साथ ही अमेरिका- भारत संबंधों को रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ संबंधों को विकसित करने पर जोर देता है ना कि किसी तीसरे देश को निशाना बनाने पर.
भारत के साथ संबंधों को स्थिर करने का प्रयास
ऐसे में चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन भारत के साथ संवाद को मजबूत करने, आपसी विश्वास बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर, स्वस्थ और स्थायी विकास की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. उनका यह बयान पेंटागन की ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इन्वॉल्विंग द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ रिपोर्ट के संदर्भ में आया है, जिसमें कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने के बाद चीन भारत के साथ संबंधों को स्थिर करने का प्रयास कर रहा है.
पाक के साथ चीन के सैन्य संबंधों का जिक्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार पेंटागन की रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश को चीन के कोर इंटरेस्ट जितना महत्वपूर्ण बताया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ चीन के बढ़ते सैन्य संबंधों का भी जिक्र किया गया है.
वर्तमान में भारत-चीन के संबंध
बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा तनाव में इन दिनों कमी दिखाई दे रही है. इसके साथ ही अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन पर उच्चस्तरीय बातचीत शुरू की और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे कदम उठाए गए हैं.
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