India Pakistan Conflict : वर्तमान में एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में जो शांति बनी, वह उनकी कड़ी चेतावनी के कारण ही संभव हो सकी. ट्रंप का कहना है कि दोनों देशों के संघर्ष के दौरान उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों को साफ संदेश दिया था कि अगर दोनों ने संघर्ष को नही रोका तो अमेरिका उनसे कोई भी व्यापारिक समझौता नहीं करेगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रंप ने कहा कि “मैं भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ ट्रेड डील की बातचीत कर रहा था. तभी उन्हें खबर मिली की दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. इतना ही नही बल्कि सात विमान भी गिराए जा चुके हैं. आठवां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से कहा कि “अगर तुम लोग लड़ाई करोगे, तो मैं किसी से व्यापार नहीं करूंगा.”
इसके साथ ही मजाकिया लहजे में ट्रंप ने कहा कि यह सब उनके टैरिफ नीति की वजह से हुआ. उन्होंने ये भी कहा कि “मैंने उन्हें समझाया कि दोनों परमाणु शक्ति वाले देश हैं, युद्ध के बजाय व्यापार बेहतर है. ऐसे में मेरे समझाने के बाद अगले ही दिन मुझे फोन आया कि दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति बना ली है. मैंने कहा- बढ़िया, अब बिजनेस करो.”
भारत ने ट्रंप के दावे को किया खारिज
जानकारी देते हुए बता दें कि ऐसा पहली बार नही हुआ है कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में खुद को शांति-दूत बताया हो. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि उन्होंने पिछले छह महीनों में 60 से अधिक बार यह दावा दोहराया है कि उनकी वजह से दोनों देशों में तनाव कम हुआ. बता दें कि भारत ने उनके इस दावे को सिरे से खारिज किया है और कहा कि कोई तीसरा देश उसके द्विपक्षीय मामलों में शामिल नहीं है.
भारत ने पाक के खिलाफ चलाया ऑपरेशन सिंदूर
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत ने मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के जवाब में था. बता दें कि भारत की इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और लगातार चार दिन यह कार्रवाई चलने के बाद 10 मई को समाप्त हुई, जब दोनों देशों ने संघर्षविराम का ऐलान किया.
भारत-पाक के साथ और भी कई देशों का सुलझाया देश
इस मामले को लेकर आगे ट्रंप ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ भारत-पाकिस्तान बल्कि और भी कई देशों के बीच चल रहे पुराने विवाद भी खत्म कराए हैं. जैसे- “कोसोवो-सेर्बिया, कांगो-रवांडा, आर्मेनिया-अजरबैजान. उनका कहना है कि ऐसे कई झगड़े हैं जो दशकों से चल रहे थे, मैंने एक घंटे में सुलझा दिए.” इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका ताकत के बल पर शांति कायम कर रहा है और अब कोई देश अमेरिका से टकराना नहीं चाहता.
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