‘लंबे समय तक…’, अमेरिका को पाक से महंगी पड़ेगी दोस्ती, दोनों के रिश्ते पर पूर्व डिप्लोमैट ने कसा तंज

INDIA-US : हाल ही में हुई अमेरिका और पाकिस्तान की नई-नई दोस्ती काफी चर्चा में है. पिछले कुछ दिनों में भारत से दूरियां बढ़ने के बाद पाकिस्‍तान से नजदीकियां बढ़ गई हैं. इसके साथ ही पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को भी यह रिश्ता खूब जमता दिख रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका-पाकिस्‍तान के इस नए रिश्ते पर भारत के पूर्व राजनयिक विकास स्वरूप ने तंज कसते हुए कहा कि अमेरिका भले ही पाक के करीब जा रहा है, लेकिन उसका चीन से पहले से ही गहरा रिश्ता बन चुका है.

अमेरिका को लेकर विकास स्वरूप ने कहा

ऐसे में दोनों की दोस्‍ती को लेकर विकास स्वरूप ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ाकर रणनीतिक तौर पर बड़ी गलती कर दी है, क्योंकि हमेशा से ही पाक रणनीतिक रूप से चीन के साथ रहा है. उन्‍होंने ये भी कहा कि शायद अमेरिका की यह रणनीतिक गलती है कि वह पाकिस्तान के बेहद करीब पहुंच गया है, क्‍योंकि पाकिस्‍तान पहले से ही चीन से मिला हुआ है. ऐसे में अगर आप अमेरिका के आगे झुक गए, तो आने वाले समय में वह अपनी मांगें बढ़ाता रहेगा.

लंबे समय तक नहीं चलेगी दोनों की दोस्‍ती  

इस दौरान अमेरिका को भारत के आगे न झुकने को लेकर कहा कि ”भारत इतना बड़ा और स्वाभिमानी देश है कि वह किसी के आने नहीं झुक सकता है. जानकारी देते हुए बता दें कि 1950 के दशक से हमारी विदेश नीति की नींव रणनीतिक ऑटोनॉमी रही है. इस मामले पर उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दिल्ली की कोई सरकार इस पर समझौता कर सकती है.” ऐसे में विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान-अमेरिका का ये रिश्‍ता लंबे समय तक नहीं चल सकता क्‍योंकि ये वित्तीय फायदे के आधार पर बने हैं.

भारत से ट्रंप के नाराजगी की असली वजह

इस मामले को लेकर पूर्व डिप्लोमैट विकास स्वरूप का कहना है कि भारत से नाराज रहनेका अमेरिका का मुख्‍य कारण रूस से तेल लेना नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पाकिस्‍तान के साथ हुए युद्ध के सीजफायर का क्रेडिट उसे नहीं दिया. इसलिए भारत को लेकर उसकी नाराजगी इतनी सख्‍त है. क्‍योंकि ट्रंप कई बार खुद इस बात का क्रेडिट ले चुके हैं और भारत ने सीजफायर का क्रेडिट ट्रंप को देने से सख्‍त इंकार किया है.

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