India-US Relations : हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने देशभर में टैरिफ लागू किया, लेकिन सबसे अधिक टैरिफ वाला देश भारत है, क्योंकि ट्रंप ने सबसे अधिक टैरिफ भारत पर लगाया. बता दें कि अमेरिका के भारत पर टैरिफ पर दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़़ गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस टैरिफ को लेकर यूएस के राजनीतिक टिप्पणीकार और लेखक फरीद जकारिया ने ट्रंप की कड़ी आलोचना की है. इस मामले को लेकर उनका कहना है कि भारत से रिश्ते खराब करना उनकी विदेश नीति की बड़ी भूल साबित होगा.
ट्रंप के बदले रूख ने प्रशासनों की नीतियों को उलटा
इसके साथ ही सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए एक वीडियो में कहा कि अमेरिका- भारत रिश्तों में सुधार की शुरुआत बिल क्लिंटन प्रशासन के दौरान शुरू हुई. उन्होंने बताया कि अमेरिका को भारत से रिश्ते बनाने में 25 साल लग गए. लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप के रुख ने अमेरिका के पिछले 5 राष्ट्रपतियों के प्रशासनों की नीतियों को उलट दिया है.
बिल क्लिंटन ने भारत दौरा कर नई पहल की
जानकारी देते हुए जकारिया ने बताया कि बिल क्लिंटन ने साल 2000 में भारत का दौरा कर नई पहल की. इसके बाद से ही भारत से संबंध बेहतर करने पर काफी काम हुआ. इस दौरान चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए बुश प्रशासन ने भारत से नजदीकी बढ़ाई. क्योंकि बुश का का मानना था कि चीन का सबसे महत्वपूर्ण प्रतिकार भारत ही हो सकता है. लेकिन भारत का परमाणु कार्यक्रम संबंधों में अड़चन बन रहा था, इस दौरान बुश प्रशासन ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते की पेशकश की और भारत से अमेरिकी अलगाव को खत्म कर दिया.
भारत के साथ रिश्ते हुए मजबूत
जानकारी के मुताबिक, बराक ओबामा ने भी भारत से संबंधों को और आगे बढ़ाया. इसके साथ ही ट्रंप ने भी पहले कार्यकाल में भारत को सहयोगी की तरह देखा. ऐसे में बाइडेन ने भारत से रक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में बेहतर सहयोग स्थापित किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाइडेन के समय भारत ने लड़ाकू विमानों से लेकर कंप्यूटर चिप्स तक बनाने में अमेरिका के साथ काम करने की योजना बनाई.
भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी
लेकिन दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद चीजें काफी ज्यादा बदली दिख रही हैं. इतना ही नही बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड कहकर डोनाल्ड ट्रंप ने मजाक बनाने की कोशिश की है, जबकि सच्चाई ये है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. जानकारी देते हुए बता दें कि 2028 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी बड़ी इकॉनमी हो जाएगा.
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