Guru Granth Sahib: भारत के तेवर के आगे झुका कतर, सम्मानपूर्वक लौटाईं गुरु ग्रंथ साहिब की जब्त प्रतियां

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Guru Granth Sahib: कतर ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां भारत को वापस कर दी है. ये प्रतियां भारतीय नागरिक से कतर के अधिकारियों ने बिना मंजूरी के धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने के आरोप में जब्त की थी. इन प्रतियों को कतर की तरफ से आज भारतीय विदेश मंत्रालय को लौटा दी गई है. इसकी जानकारी खुद MEA ने दी.

दरअसल, कतर में ये घटना दिसंबर 2023 में हुई थी, जब वहां के अधिकारियों ने बिना मंजूरी के धार्मिक प्रतिष्ठान चलाने के आरोप में एक भारतीय नागरिक से ये पवित्र पुस्तकें जब्त की थी. वहीं, इस घटना के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि कतर के अधिकारियों ने 28 अगस्त को दोहा में भारतीय दूतावास को ये दो स्वरूप सौंप दिए हैं.

विदेश मंत्रालय ने दिया धन्यवाद

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में कतर सरकार का धन्यवाद किया है और कतर में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करें. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कतर के अधिकारियों ने एक स्वरूप को वापस कर दिया था और दूसरे स्वरूप को भी जल्द ही सम्मान के साथ लौटाने का आश्वासन दिया गया था. जिसे वापस कर दिया गया है.

जानिए क्या है पूरा मामला?

बता दें कि कतर में इस विवाद की शुरुआत दिसंबर 2023 में हुई थी, जब कतर के अधिकारियों ने बिना अनुमति के धार्मिक गतिविधियों के आरोप में दो पवित्र स्वरूपों को जब्त किया था. इस घटना के बाद सिख समुदाय के लोगों ने विरोध जताया था. इस दौरान भारतीय दूतावास ने स्थानीय कानूनों के तहत हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था.

इस विवाद की शुरुआत दिसंबर 2023 में हुई थी, जब कतर के अधिकारियों ने बिना अनुमति के धार्मिक गतिविधियों के आरोप में दो पवित्र स्वरूपों को जब्त किया था. इस घटना के सामने में आने के बाद, सिख समुदाय के नेताओं में चिंता जताई थी. भारतीय दूतावास ने स्थानीय कानूनों के तहत हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था.

इस पूरे मामले में, भारतीय दूतावास ने स्थानीय कानूनों के तहत उचित कदम उठाने का प्रयास किया और ये सुनिश्चित किया कि ग्रंथ को सम्मान के साथ रखा जाए. कतर के अधिकारियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और पवित्र ग्रंथों को लौटाने में तत्परता दिखाई.

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