Indian Navy: भारतीय नौसेना ने नई दिल्ली में समुद्री सुरक्षा पर दो दिवसीय हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) कार्य समूह की बैठक (आईडब्ल्यूजी-एमएआरएसईसी) का आयोजन किया, जिसमें शामिल सभी प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा ढांचे को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया. इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 13 आईओएनएस सदस्य देशों के प्रतिनिधि-ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, भारत, केन्या, मोजाम्बिक, ओमान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया और थाईलैंड के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बता दें कि आईओएनएस संरचना के प्रमुख कार्य समूहों में से एक के रूप में आईडब्ल्यूजी-एमएआरएसईसी संवाद, सहयोग और कार्यान्वयन योग्य परिणामों के लिए एक विशिष्ट मंच के रूप में कार्य करता है.
निर्भय बापना ने दोहराई भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता
भारतीय नौसेना के इस दो दिवसीय बैइक में सहायक नौसेना प्रमुख (विदेशी सहयोग एवं खुफिया) रियर एडमिरल निर्भय बापना ने अपने संबोधन में हिंद महासागर (आईओआर) में क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई. इसके साथ ही समकालीन समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य से बहुपक्षीय तंत्र की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस सम्मेलन में चर्चा के दौरान सूचना-साझाकरण ढांचे को विस्तार देने, समुद्री क्षेत्र जागरूकता (एमडीए) को आगे बढ़ाने के साथ ही उभरते खतरें को कम करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसके अलावा,कार्य समूह ने समन्वित व समयबद्ध क्षेत्रीय प्रतिक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए सामंजस्यपूर्ण परिचालन दिशानिर्देशों और व्यावहारिक उपायों के निर्माण पर भी विचार-विमर्श किया. वहीं, इस बैठक के परिणामों से सदस्य देशों की नौसेनाओं के सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र को बनाए रखने के सामूहिक संकल्प को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा है.
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