ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला किया तो भुगतने होंगे विनाशकारी परिणाम, IAEA ने इजरायल को दी सख्त चेतावनी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Iran Israel war: इस समय ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है. दोनों देश लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने गंभीर चेतावनी जारी की है. उसने कहा है कि इजरायल ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निशाना बनाता है तो मध्य पूर्व में परमाणु आपदा की संभावना हो सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में कहा कि अभी तक ईरान के परमाणू संयंत्र से किसी रेडियोधर्मी उत्सर्जन का पता नहीं चला है, लेकिन यदि बुशहर पर इजरायल हमला करता है तो इसके “विनाशकारी परिणाम” हो सकते हैं.

ग्रॉसी ने दी चेतावनी

ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कहा कि “पिछले कुछ घंटों में क्षेत्र के देशों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए सीधे मुझसे संपर्क किया है, और मैं यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं – बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले की स्थिति में, सीधे हमले से रेडियोधर्मिता का बहुत अधिक उत्सर्जन होगा.” उन्‍होंने कहा कि दक्षिणी ईरान में स्थित बुशहर मध्य पूर्व का पहला नागरिक परमाणु रिएक्टर है और इसमें हज़ारों किलोग्राम परमाणु सामग्री है. ऐसे में वहां किसी भी प्रकार का हमला रिएक्टर को बिजली देने वाली बिजली आपूर्ति लाइनों को नुकसान, व्यापक परिणामों के साथ मेल्टडाउन को ट्रिगर कर सकता है.

ईरान के बुशहर रिएक्टर पर हमला हुआ तो…

आईएईए प्रमुख ने कहा कि “सबसे खराब स्थिति में, बुशहर के कई सौ किलोमीटर के भीतर के क्षेत्रों को खाली करने और शरण लेने के आदेश जारी करना पड़ सकता है, जिसमें खाड़ी अरब राजशाही के कुछ हिस्‍से शामिल हैं, जो वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. वहीं, लोगों को विकिरण जोखिम से बचने के लिए आयोडीन का सेवन करने की भी आवश्यकता होगी और खाद्य आपूर्ति पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है.

इसके साथ ही ग्रॉसी ने यह भी चेतावनी दी है कि सीधे हमलों से कम- जैसे कि बिजली की लाइनों पर- शीतलन प्रणाली को निष्क्रिय कर सकता है और पिघलने का कारण बन सकता है. यह ईरान में परमाणु स्थल है जहां परिणाम सबसे गंभीर हो सकते हैं.

नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने की कसम खाई

दरअसल, दोनों देशों के बीच इस वक्‍त जैसे हालात बने हुए है, ऐसे में संभावित परमाणु आपदा के बारे में डर बढ़ रहा है क्योंकि इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अभियान जारी रखने की कसम खाई है. नेतन्‍याहू ने कहा है कि “हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए जब तक आवश्यक होगा, लड़ेंगे,” वहीं, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. हालांकि, तेहरान एकमात्र गैर-परमाणु-हथियार वाला देश बना हुआ है जो 60% तक यूरेनियम को समृद्ध कर रहा है- जो हथियार-स्तर से थोड़ा कम है. यह इजरायल और पश्चिमी शक्तियों दोनों को चिंतित करता है.

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