चीन की हरकतों से चिंतित जापान, शुरू किया सैन्य क्षमता का विस्तार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China-Japan Relations: चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए जापान ने बड़ा बयान दिया है. जापान का कहना है कि दक्षिण-पश्चिमी तटों से लेकर प्रशांत महासागर तक जारी चीन की सैन्‍य गतिविधियां उसके लिए बड़ी चुनौती है. चीनी गति‍विधियों को लेकर जापान ने कड़ी चेतावनी भी दी है. साथ ही जापान ने अपनी सैन्‍य क्षमता का विस्‍तार शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, इससे पहले जापान ने अपने क्षेत्र में पहली बार मिसाइल परीक्षण भी किया था. जापान ने चीनी प्रतिरोध का जवाब देने की क्षमता हासिल करने के लिए मिसाइल परीक्षण किया है.

जापान के सामने हैं गंभीर सुरक्षा चिंताएं

मंगलवार को जापान के रक्षा मंत्रालय ने कैबिनेट को सौंपी गई वार्षिक सैन्य रिपोर्ट में बड़ी बातें कही हैं. रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ताइवान के आसपास बढ़ता तनाव और उत्तर कोरिया से संभावित खतरों के अलावा रूस के साथ चीन का बढ़ता संयुक्त अभियान जापान के लिए भी गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समाज एक नए संकट के दौर से गुजर रहा है क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.

जापान ने बढ़ाई सैन्य ताकत

वैश्विक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलावों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता पर चिंता व्यक्त की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा खतरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित हैं, जहां जापान स्थित है और आगामी समय में ये खतरे और भी तेज हो सकते हैं. जापान ने हाल के वर्षों में दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाई है और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें तैनात करने की तैयारी में है.

चीन की हरकतों से बढ़ सकता है टकराव

दरअसल, चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और जरूरत पड़ने पर उसे बलपूर्वक अपनी भूमि में मिलाने की धमकी भी देता रहता है. इसी संघर्ष के वजह से जापान चिंतित है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब जापान ने चीन से कहा था कि वह अपने लड़ाकू विमानों के उसके टोही विमानों के पास उड़ाना बंद करे. जापान का कहना है कि चीन इस तरह की हरकत बार-बार कर रहा हे और इससे टकराव बढ़ सकती है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन ने भी जापान पर जासूसी के इरादे से अपने विमान चीनी हवाई क्षेत्र के निकट उड़ाने का आरोप लगाया था.

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