New Delhi: कनाडा और ब्रिटेन में हाल के महीनों में सख्ती और कूटनीतिक दबाव बढ़ने के बाद खालिस्तानी नेटवर्क ने अपनी गतिविधियों का केंद्र ऑस्ट्रेलिया की ओर स्थानांतरित कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया को निशाना बनाने का एक कारण वहां करीब 8 लाख भारतीयों की बड़ी आबादी है जो अब इन घटनाओं के कारण सामाजिक तनाव का सामना कर रही है. यह एक अहम अलर्ट भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर जारी किया है.
फ्री स्पीच की आड़ में नफरत और उकसावे को बढ़ावा
एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि कनाडा और यूके की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी फ्री स्पीच की आड़ में नफरत और उकसावे को बढ़ावा दिया जा रहा है. यदि समय रहते सख्ती नहीं की गई तो हालात बेकाबू हो सकते हैं. हालांकि भारत ने पहले ही कनाडा और ब्रिटेन के साथ इस मुद्दे को औपचारिक रूप से उठाया है और दोनों देशों ने सहयोग का आश्वासन दिया है. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन हिंसा और उकसावे के खिलाफ सख्त रेखा खींचते हैं. हम इन मुद्दों पर भारत के साथ लगातार संपर्क में हैं.
कनाडा, यूके में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों की रफ्तार अब धीमी
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि कनाडा और यूके में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों की रफ्तार अब धीमी पड़ रही है लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हाल के महीनों में तेजी से उभार देखने को मिला है. खालिस्तानी तत्व बड़ी मात्रा में संसाधन और प्रचार अभियान अब ऑस्ट्रेलिया में झोंक रहे हैं, जिसका सबूत वहां हुई हालिया हिंसक और उकसाऊ घटनाएं हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में पहले भी तथाकथित रेफरेंडम कराए गए थे लेकिन जुलाई, अगस्त और दिसंबर में इन गतिविधियों का स्तर असाधारण रूप से बढ़ गया.
भारत-विरोधी नारे लगाने की खुली अपील
अधिकारियों के अनुसार सोशल मीडिया के जरिए बार-बार भारतीयों को निशाना बनाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत-विरोधी नारे लगाने की खुली अपील की जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह फोकस शिफ्ट जानबूझकर की गई रणनीति है ताकि कनाडा और यूके में दबाव कम रहे और आंदोलन किसी अन्य देश में बिना रोक-टोक जारी रह सके. हाल के महीनों में वहां खालिस्तान समर्थकों पर कुछ कार्रवाई भी देखी गई है. हालांकि इस बार ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी खुलकर विरोध और प्रतिकार किया.
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