Kim Yong Nam death: उत्तर कोरिया के एक विशिष्ट नौकरशाह, किम योंग नाम का मंगलवार को निधन हो गया. उनकी सत्तारूढ़ किम राजवंश के प्रति आजीवन निष्ठा ने उन्हें दो दशकों तक देश के औपचारिक राष्ट्राध्यक्ष के रूप में सेवा करने का अवसर दिया, इसकी जानकारी सरकारी मीडिया द्वारा दी गई है.
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्तर कोरिया की रबर-स्टाम्प सुप्रीम पीपुल्स असेंबली के प्रेसिडियम के पूर्व अध्यक्ष किम योंग नाम का सोमवार को 97 वर्ष की आयु में कई अंगों के काम करना बंद कर दिया था, उसके बाद मंगलवार को उनका निधन हो गया.
किम जोंग उन ने व्यक्त किया गहरा शोक
एजेंसी के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने किम योंग नाम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करने के लिए उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की. किम योंग नाम का अंतिम संस्कार गुरुवार को होना तय था.
2011 में संभाली थी सत्ता
बता दें कि किम योंग नाम, उत्तर कोरिया पर शासन करने वाले अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के किम जोंग उन से संबंधित नहीं थे. दरअसल, राज्य के संस्थापक किम इल सुंग के पोते किम जोंग उन ने 2011 में अपने पिता किम जोंग इल की मृत्यु के बाद देश के दूसरे वंशानुगत सत्ता हस्तांतरण के तहत सत्ता संभाली थी. इस दौरान उन्होंने साल 1998 से अप्रैल 2019 तक सुप्रीम पीपुल्स असेंबली के प्रमुख के रूप में कार्य किया. यह पद उत्तर कोरिया का नाममात्र का राष्ट्राध्यक्ष है, लेकिन असली सत्ता किम परिवार के पास रही है, जिसने 1948 में अपनी औपचारिक स्थापना के बाद से उत्तर कोरिया पर शासन किया है.
बुलंद आवाज में भाषण के लिए प्रसिद्ध थे किम योंग नाम
किम योंग नाम, जो प्रमुख राजकीय आयोजनों में अपनी गहरी और बुलंद आवाज में प्रचार-प्रसार से भरे भाषणों के लिए जाने जाते थे, अक्सर सरकारी मीडिया में किम जोंग उन और उनके दिवंगत पिता किम जोंग इल की ओर से विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन करते दिखाई देते थे.
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