Nimisha priya: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी, की मौत की सजा रद्द कर दी गई है. यह जानकारी ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई प्रचारक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश में दी. डॉ. पॉल ने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं ने लगातार दस दिनों से दिन-रात प्रयास कर इस बड़ी सफलता को हासिल किया है. उन्होंने यमनी नेताओं की “शक्तिशाली और प्रार्थनापूर्ण कोशिशों” के लिए आभार जताया.
केए पॉल ने पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
डॉ. केए पॉल ने अपने वीडियो संदेश में यमन के नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा, “पिछले 10 दिनों से यमन में नेताओं ने दिन-रात इस केस को सुलझाने के लिए मेहनत की है. उनके प्रयासों और भगवान के आशीर्वाद से निमिषा को जल्द आज़ादी मिलेगी.” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार इस काम में पूरी सक्रियता से लगी हुई है और निमिषा को लाने के लिए राजनयिकों को यमन भेज रही है.
निमिषा प्रिया का मामला
केरल के पलक्कड़ की निवासी निमिषा प्रिया साल 2015 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक की शुरुआत की थी. साल 2017 में महदी का शव एक वॉटर टैंक में पाया गया और हत्या का आरोप निमिषा पर लगा. आरोप है कि निमिषा ने नींद की दवा की अधिक डोज देकर महदी की हत्या की और उनके शव को छिपाने की कोशिश की.
निमिषा के वकील ने दलील दी कि तलाल अब्दो महदी ने निमिषा का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था और निमिषा को धमकाया था. जिसके चलते निमिषा ने आत्मरक्षा में नींद की दवा की अधिक डोज देकर महदी की हत्या कर दी. हालांकि तलाल अब्दो महदी के भाई ने इन आरोपों से इनकार किया. साल 2020 में, सना की एक अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई. साल 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस सजा को बरक़रार रखा. निमिषा प्रिया फ़िलहाल सना जेल में बंद है.
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