Odisha: ओडिशा में मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने भुवनेश्वर नगर निगम कार्यालय में सोमवार को हुई हिंसा से जुड़े आरोपों के आधार पर 5 नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. सस्पेंड नेताओं में पार्षद अपरूप नारायण राउत, देबाशीष प्रधान, रश्मि रंजन महापात्रा, सचिकांत स्वैन और संजीव मिश्रा शामिल हैं. ओडिशा की भाजपा मीडिया सेल द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, भुवनेश्वर हिंसा मामले में पुलिस ने पहले ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें एक बीजेपी पार्षद भी शामिल है. भुवनेश्वर नगर निगम कार्यालय में हुई इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जनता में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी. विपक्षी दल बीजेडी ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की.
जानें पूरा मामला
बता दें कि ओडिशा सरकार ने सोमवार देर रात ओडिशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा राज्यव्यापी हड़ताल रोक दी थी. एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर साहू को ऑफिस से घसीट कर बाहर निकाला गया, उनके साथ मारपीट की गई. पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हुई और इसका वीडियो सामने आने के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया. आरोप है कि इस हमले में एक स्थानीय पार्षद भी शामिल था. जो सत्तारूढ़ बीजेपी से जुड़ा था. इसके बाद विपक्षी पार्टी बीजेडी में व्यापक आक्रोश फैला गया.
इसके लिए ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) एसोसिएशन ने सामूहिक छुट्टी का आह्वान किया था, लेकिन सीएम सहित डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया, मुख्य सचिव मनोज आहुजा और भुवनेश्वर पुलिस कमिश्नर जैसे सीनियर अधिकारियों ने बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने योजना स्थगित कर दी. इस बैठक के दौरान भुवनेश्वर पुलिस ने मामले से जुड़े तीन आरोपियों-जीवन राउत, रश्मि महापात्रा और देबाशिस प्रधान को अरेस्ट कर लिया. राउत भुवनेश्वर नगर निगम की 29वें वार्ड के भाजपा पार्षद हैं.
विपक्ष ने की थी एक्शन की मांग
मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्षी नेता नवीन पटनायक ने हमले की निंदा की. उन्होंने दोषियों के खिलाफ उदाहरणात्मक कार्रवाई की मांग की थी. नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट में लिखा था कि ‘आज श्री रत्नाकर साहू, ओएएस अतिरिक्त आयुक्त, बीएमसी, अतिरिक्त सचिव रैंक के वरिष्ठ अधिकारी को उनके कार्यालय से खींचा गया और बीजेपी पार्षद की मौजूदगी में बेरहमी से लात-घूंसे मारे गए.’ पटनायक ने कहा कि ‘सबसे भयावह बात यह है कि यह पूरे दिन के समय में शहर की राजधानी भुवनेश्वर के केंद्र में हुआ. जब एक सीनियर अधिकारी अपने कार्यालय में जनता की शिकायतें सुन रहे थे.’
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