New Delhi: बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद के मामले में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बडा खुलासा करते हुए उसके भारत में छिपे होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. वहीं एजेंसियों ने बांग्लादेश के रवैये पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. इस मामले ने तूल तब पकडा जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मसूद खुद को दुबई में बताता दिख रहा है.
मंजूरी के बिना संभव नहीं
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि फैसल करीम मसूद को बांग्लादेश की एजेंसियों द्वारा देश से बाहर भेजा गया. यह कदम बांग्लादेश में घरेलू दबाव कम करने और जांच को कमजोर करने के लिए उठाया गया. शीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि मसूद का बाहर जाना वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी और मंजूरी के बिना संभव नहीं था. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह वीडियो न्यूट्रल बैकग्राउंड पर रिकॉर्ड किया गया है और इसकी कोई फोरेंसिक पुष्टि नहीं है.
आरोपी अब बांग्लादेश की पहुंच से बाहर
एजेंसियों का मानना है कि वीडियो शायद उनके देश से जाने से पहले रिकॉर्ड किया गया था. इसे रणनीतिक रूप से इसलिए जारी किया गया ताकि यह लगे कि आरोपी अब बांग्लादेश की पहुंच से बाहर है. भारतीय एजेंसियों ने यह भी नोट किया कि बांग्लादेश की ओर से दिए गए दावे में विरोधाभास हैं. बांग्लादेश ने शुरू में बताया कि मसूद भारत के मेघालय बॉर्डर के रास्ते आया लेकिन 48 घंटे में उसने अपनी बात बदलकर दुबई का दावा पेश किया.
यह चुपचाप बाहर भेजने की रणनीति
इसके साथ ही फ्लाइट मैनिफेस्ट, पैसेंजर रिकॉर्ड और ट्रांजिट डेटा साझा नहीं किया गया जो कि हाई-प्रायोरिटी मामलों में आम तौर पर साझा किया जाता है. भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि यह चुपचाप बाहर भेजने की रणनीति प्रतीत होती है. वीडियो में मसूद ने खुद को निर्दोष बताया और हत्या का आरोप जमात शिबिर पर लगाया. उसने कहा कि वह हादी के साथ केवल व्यावसायिक तौर पर जुड़े थे और राजनीतिक दान सरकार से अनुबंध पाने के लिए दिए थे. उसने अपने और अपने परिवार को परेशान करने वाले विच हंट से बचने के लिए दुबई जाने की बात कही.
ढाका के पल्टन इलाके में हादी को गोली मारी गई
ओस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के पल्टन इलाके में गोली मारी गई और 18 दिसंबर को सिंगापुर में उनकी मौत हो गई. इस घटना ने पूरे बांग्लादेश में विरोध और हंगामा खड़ा कर दिया. ढाका पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई की. कई आरोपी गिरफ्तार किए और मसूद की मदद करने वालों को रिमांड पर रखा गया. जल्द ही आरोपपत्र दाखिल होने की संभावना है.
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