पाकिस्तानी सेना के आतंकियों पर कार्रवाई के खिलाफ हुई जनता, राज्य सरकारों ने भी खोला मोर्चा

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan Army Operation: आतंकवाद को लेकर हमेशा से ही पाकिस्‍तान दुनियाभर के रडार पर रहा है. मगर जब कभी आतंकवादियों के खिलाफ खुद ही कार्रवाई करने का सोचे भी तो उसके देश में ही विरोध शुरू हो जाता है. ऐसा ही कुछ एक बार फिर से हुआ है.

दरअसल, इन दिनों पाकिस्‍तान में आतंकवादियों के खिलाफ एक विशेष अभियान ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकम चलाया जा रहा है, जिसे पाकिस्‍तानी आर्मी लीड कर रही है, लेकिन खास बात तो ये है कि इस अभियान के शुरू होते ही पाकिस्‍तान में विरोध होने लगा.

चीनी ठिकानों पर हमला करने की चेतावनी

पाकिस्‍तान में आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन को लेकर पहले तो पाकिस्तानी आर्मी को आम जनता का गुस्सा झेलना पड़ा. लेकिन अब राज्य सरकारों ने भी सेना के खिलाफ आवाजें उठा दीं है. हालांकि सेना के इस अभियान को लेकर बकायदा राज्य की विधानसभा में प्रस्ताव भी पास किए गए हैं. वहीं, पाकिस्‍तान को आतंकी संगठनों ने भी धमकी दे डाली है. ऐसे में जिहादा संगठन ने पाकिस्तानी सेना के साथ चीनी ठिकानों पर हमला करने की चेतावनी दी है.

सेना के खिलाफ राज्य सरकारों ने खोला मोर्चा

आपको बता दें कि चीन का पाकिस्तान में कई सारे प्रॉजेक्ट चल रहे हैं. ऐसे में आतंवादियों के द्वारा कई बार चीनी इंजीनियरों पर हमला भी कर चुके हैं, जिसे लेकर चीन ने पाकिस्तान से आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए चेतावनी दी है. ऐसे में ही पाकिस्‍तानी सेना ने आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम का ऐलान किया था जिसके बाद से ही आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष जारी है.

हालांकि कहा जा रहा है कि आतंकवादियों के नाम पर आम जनता को भी निशाना बनाया जा रहा है, यही वजह है कि लोग पाकिस्‍तानी सेना का विरोध कर रहे है. सेना के इस जुल्म के खिलाफ हंगामा शुरू हो गया. वहीं, जनता के उत्पीड़न के खिलाफ राज्य सरकारों ने भी मोर्चा खोल दिया.

विधानसभा में प्रस्ताव पास

दरअसल, सेना की इस कार्रवाई के विरोध में खैबर पख्तूनख्वा राज्य की विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया था, जिसमें कहा गया कि इस तरह के किसी भी ऑपरेशन को चलाने से पहले केंद्र को राज्य सरकार और निर्वाचित सदन को विश्वास में लेना चाहिए था. हालांकि ऐसा नहीं किया गया जिसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल रही है, जिसकी सारी जिम्‍मेदारी केंद्र की होगी.

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