Pakistan: पाकिस्तान में ईंट भट्टियों में काम करने वाली महिला मजदूर सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. बड़े पैमाने पर उनका यौन उत्पीड़न होता है. जबरदस्ती और जबरन शादी जैसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ता है. यहां मजदूर असुरक्षित, गंदे और शोषणपूर्ण माहौल में बेहद गर्म या ठंडे मौसम में काम करते हैं. उन्हें कानूनी न्यूनतम वेतन से भी कम भुगतान किया जाता है. साथ ही सामाजिक सुरक्षा जैसी कोई सुविधा नहीं दी जाती.
मानवाधिकार उल्लंघन और लिंग आधारित हिंसा उजागर
यह खुलासा पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NCHR) ने किया है. NCHR ने देश की ईंट भट्टियों में हो रहे व्यवस्थित शोषण, मानवाधिकार उल्लंघन और लिंग आधारित हिंसा को उजागर किया है. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. पाकिस्तान के NCHR ने मंगलवार को अपनी स्टडी रिपोर्ट जारी की. जिसमें ईंट भट्ठा मजदूरों के साथ हो रहे अत्याचारों का खुलासा किया. जिसका शीर्षक ‘पंजाब की ईंट भट्टियों में शोषण और अत्याचार का पर्दाफाश’ रखा था.
97% मजदूर कर्ज के कारण मजबूरी में इस काम में आए
इसमें मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से लेकर अपहरण और हत्या तक के गंभीर मामलों को दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, किस तरह गहरी गरीबी ने लोगों को भट्ठियों में काम करने के लिए मजबूर किया. ‘डॉन’ की रिपोर्ट में बताया गया कि 97% मजदूर कर्ज के कारण मजबूरी में इस काम में आए। इनमें 90% के पास लिखित अनुबंध नहीं है, जिससे वे श्रम कानूनों की सुरक्षा से वंचित हैं. जबकि 70% से अधिक परिवार एक ही छोटे कमरे में रहते हैं.
ईंट भट्ठा मजदूरों के साथ संगठित रूप से हो रहा है शोषण
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 92% मजदूरों ने मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की. कई मजदूरों ने मारपीट, अत्याचार और अपहरण की घटनाएं भी बताईं. रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि ईंट भट्ठा मजदूरों के साथ संगठित रूप से शोषण हो रहा है. खासकर महिलाओं के साथ लिंग आधारित हिंसा, कर्ज के जाल में फंसा कर काम करवाना और श्रमिक अधिकारों से वंचित रखना आम बात है. यह रिपोर्ट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो बड़े ईंट भट्ठा क्षेत्रों फैसलाबाद और कसूर में किए गए शोध पर आधारित है.
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