IMF Loan To Pakistan: पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा दिए गए लोन की तीखी आलोचना करते हुए संयुक्त राष्ट्र की पूर्व असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी लक्ष्मी एम पुरी ने कहा, “दुनिया को यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान को फंडिंग देना शांति को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद को बढ़ावा देना है.”
लक्ष्मी पुरी ने जताया दुख
लक्ष्मी पुरी ने (IMF Loan To Pakistan) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे एक नोट में दुख जताते हुए कहा कि 1958 से लेकर आज तक पाकिस्तान ने आईएमएफ को अराजकता के लिए क्रेडिट लाइन में बदल दिया है. इसका इस्तेमाल वह सुधारों या विकास के लिए नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क की फंडिंग करने, वैश्विक भगोड़ों को बचाने और अस्थिरता पर पनपने वाली सेना को सहारा देने के लिए करेगा.
दुनिया क्यों आतंकी देश को दे रही चेक
उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि पाकिस्तान ने लोकतंत्र और आईएमएफ कार्यक्रम की हर शर्त का उल्लंघन किया है और रक्तपात को बढ़ावा देने के लिए बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल किया है. फिर भी दुनिया आतंकी देश को चेक देना जारी रखे हुए हैं आखिर ऐसा क्यों? लक्ष्मी पुरी ने आगे कहा कि 1950 में शामिल होने के बाद से पाकिस्तान ने 28 बार आईएमएफ से उधार लिया है. यह वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह भू-राजनीतिक दान है और अंतरराष्ट्रीय सद्भावना का रणनीतिक दुरुपयोग है.
आईएमएफ ने दिया 1.3 अरब डॉलर का लोन
भारत ने शुक्रवार को रिसाइलेंस एंड सस्टेनेबिलिटी (आरएसएफ) लोन कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया आईएमएफ लोन देने के लिए हुई बैठक में मतदान से खुद को दूर रखा. इस बैठक में पाकिस्तान को लोन की मंजूरी दी गई थी. आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि ने पाकिस्तान को आईएमएफ से और अधिक वित्तीय सहायता दिए जाने का कड़ा विरोध किया था और इस्लामाबाद के पिछले रिकॉर्ड पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि बेलआउट से प्राप्त नकदी का प्रयोग यह देश सीमापार आतंकवाद को बढ़ाने में करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से कर्जदार रहा है और आईएमएफ की कार्यक्रम शर्तों के क्रियान्वयन और अनुपालन का उसका रिकॉर्ड बहुत खराब है.