Palestine Brics Membership: अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयासों के तहत अब फिलिस्तीन ने BRICS देशों के समूह में सदस्यता के लिए औपचारिक आवेदन किया है. BRICS दुनिया की पांच सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का ग्रुप है, जिसका नाम सभी सदस्य देशों यानी ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका के नाम के पहले अक्षर से लिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए फिलिस्तीन लगातार प्रयासरत है. ऐसे में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों से मान्यता मिलने पर अब फिलिस्तीन ने BRICS देशों के समूह में सदस्यता के लिए औपचारिक आवेदन किया है, जिसका चीन ने समर्थन भी किया है. इसकी जानकारी रूस में फिलिस्तीनी राजदूत अब्देल हफीज नोफाल द्वारा दी गई है.
ब्रिक्स में अतिथि के रूप में शामिल होगा फिलिस्तीन
फिलिस्तीनी राजदूत अब्देल हफीज नोफाल ने बताया कि फिलहाल फिलिस्तीन ब्रिक्स समूह में अतिथि सदस्य के रूप में शामिल हो सकता है, जब तक कि उसे पूर्ण सदस्यता नहीं मिल जाती. नोफाल ने कहा कि मेरा मानना है कि हम पहले अतिथि सदस्य के तौर पर शामिल होंगे और बाद में पूर्ण सदस्यता की ओर बढ़ेंगे.
BRICS में लगातार बढ़ रही सदस्यता
बता दें कि BRICS की शुरुआत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से हुई थी. लेकिन साल 2024 में इस समूह में बड़ा विस्तार हुआ, जिसके तहत मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया. वहीं, 2025 में इंडोनेशिया भी इस समूह का हिस्सा बन गया. और अब फिलिस्तीन समेत कई और देश BRICS में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं.
चीन का फिलिस्तीन को समर्थन
ब्रिक्स में शामिल होने वाले फिलिस्तीन के आवेदन पर चीन ने सकारात्मक रुख दिखाया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि BRICS उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों के बीच सहयोग का अहम मंच है. यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी ताकत है. हम अधिक समान विचारधारा वाले देशों का BRICS में स्वागत करते हैं.
ऐसे में चीन का यह बयान फिलिस्तीन के लिए राजनयिक राहत माना जा रहा है. जानकारों का मानना है कि यदि फिलिस्तीन BRICS में शामिल होता है तो उसे वैश्विक दक्षिण के देशों का और मजबूत समर्थन मिलेगा.
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