Pope Leo Message: इजरायल और ईरान के बीच बीते 12 दिनों से जारी जंग आखिरकार सीजफायर के बाद थम गया है. इस बीच, पोप लियो चौदहवें ने बुधवार को दोनों देशों से अपील की कि वे धमकाने और बदले की मानसिकता को छोड़कर संवाद और कूटनीति के रास्ते पर चलें. उन्होंने मिडिल ईस्ट में रहने वाले सभी ईसाइयों के प्रति एकजुटता और संवेदना भी प्रकट की.
पोप ने दिया बाइबिल का संदेश
पोप लियो ने अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा, “आइए हम ईश्वर की आवाज को सुनें. हाल के खूनी घटनाक्रमों से जो घाव बने हैं, उन्हें भरने दें. धमकाने और बदले की हर मानसिकता को त्यागें और पूरी दृढ़ता से संवाद, कूटनीति व शांति के रास्ते पर आगे बढ़ें.” बाइबिल का हवाला देते हुए पोप लियो ने कहा, “एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के खिलाफ तलवार नहीं उठाएगा.” पोप ने यह भी कहा कि वह इस संघर्ष के दौरान उत्पन्न हालात को सावधानी और उम्मीद के साथ देख रहे हैं, और आशा करते हैं कि यह सीजफायर स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम बनेगा.
इजरायल ईरान जंग में क्या हुआ?
इस 12 दिन के जंग में इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए. वहीं, अमेरिका इस जंग में कूदते हुए ईरान की परमाणु सुविधाओं पर बंकर-भेदी बम गिराए, जिससे उसकी न्यूक्लियर साइट्स को भारी क्षति हुई. ईरान की ओर से प्रतिक्रिया में कहा गया कि उसका परमाणु प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और यह हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं. इस बीच, दोनों देशों की ओर से हुई जवाबी कार्रवाइयों से मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर पहुंच गया. इससे वैश्विक स्तर पर चिंता फैल गई.
सीरिया में गिरजाघर पर हमला, पोप की प्रतिक्रिया
पोप लियो ने सीरिया के दमिश्क शहर में बीते रविवार को हुए गिरजाघर हमले पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताया और कहा कि वेटिकन इन पीड़ितों के साथ पूरी तरह एकजुट है.
ये भी पढ़ें :- इस पहाड़ी के नीचे ईरान ने छुपाया 400 किलो यूरेनियम, जारी रख सकता है न्यूक्लियर प्रोग्राम