6 ब्रिटिश राजनयिक कर रहे थे पुतिन की जासूसी, रूस ने किया निष्कासित; UK ने आरोपों को किया खारिज

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Russia-UK Conflict: रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने शुक्रवार को छह ब्रिटिश राजनयिकों पर जासूसी करने का आरोप लगाया. साथ ही उन्‍हें देश से निष्काषित भी कर दिया. दरअसल, रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा का दावा है कि इन राजनायिको के पास ऐसे कई दस्‍तावेज मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि वे खुफिया जानकारी जुटाने के साथ-साथ जासूसी कर रहे थे.

रूस के इस कार्रवाई पर ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने उनके कर्मचारियों के खिलाफ जो आरोप लगाए है वो पूरी तरह से निराधार है.

ब्रिटेन ने बताया कि क्यों हुई कार्रवाई?

ब्रिटेन के विदेश कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यूरोप और यूके में रूस की ओर से निर्देशित गतिविधि के जवाब में यूके सरकार की कार्रवाई के बाद रूस ने पिछले महीने यूके के 6 राजनयिकों की मान्यता रद्द कर दी थी. वे अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के प्रति तटस्थ हैं. बता दें कि रूस ने यह कार्रवाई उस वक्‍त की है जब अमेरिका और ब्रिटेन की ने यूक्रेन को लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का सहायता देने का वादे किया है.

यूक्रेन ने मिसाइल को लेकर मांगी अनुमति

दरअसल इस वक्‍त रूस और ब्रिटेन के बीच तनातनी का महौल बना हुआ है. वहीं, यूके के पीएम कीर स्टार्मर यूक्रेन में युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ चर्चा करने के लिए अमेरिका दौरे पर हैं. बता दें कि यूक्रेन ने ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी सहयोगियों से रूस के भीतर लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है, जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दे डाली.

बदल जाएगी युद्ध की प्रकृति

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की तरफ से इस तरह के प्रयोग को मास्को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा. इसके साथ ही उन्‍होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि ब्रिटेन निर्मित मिसाइलों के प्रयोग से युद्ध की प्रकृति ही बदल जाएगी. ब्रिटेन के मिसाइल के इस्तेमाल का मतलब होगा कि नाटो देश, अमेरिका, यूरोपीय देश रूस के साथ युद्ध में हैं.

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