Russia-US relations: कैरेबियन इलाके में नशीली दवाओं विरोधी अभियानों के दौरान अत्यधिक सैन्य बल के इस्तेमाल को लेकर रूस ने अमेरिका की कड़ी निंदा की है. रूस का कहना है कि वे ऐसे कदमों का मजबूती से विरोध करते हैं. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मंत्रालय की वेबसाइट पर एक टिप्पणी में कहा कि “हम मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों में अत्यधिक सैन्य बल प्रयोग की कड़ी निंदा करते हैं.”
जखारोवा ने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई न सिर्फ अमेरिका के अपने कानूनों के खिलाफ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन करती है. इस बात पर कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी चिंता जताई है, जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस और मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क शामिल हैं.
रचनात्मक समाधान के लिए उठाने होंगे कदम
रूसी प्रवक्ता नें कहा कि हम राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के प्रयासों में वेनेज़ुएला के नेतृत्व के प्रति अपने दृढ़ समर्थन की पुष्टि करते हैं. लैटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र को शांति का क्षेत्र बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्थिति को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप मौजूदा समस्याओं के रचनात्मक समाधान के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है.
ड्रग के खिलाफ कार्रवाई में 61 लोगों की मौत
बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में कैरेबियन में अपनी सैन्य मौजूदगी काफी बढ़ाई है, जिसमें लड़ाकू विमान, युद्धपोत और हजारों सैनिक शामिल हैं. दरअसल, कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में अवैध ड्रग व्यापार के खिलाफ अमेरिकी अभियान में करीब 14 नावों को निशाना बनाया गया, जिसमें 61 लोगों की जान चली गई.
अमेरिका प्रशांत महासागर में नौकाओं को बनाया निशाना
अमेरिका इन दिनों नशीले पदार्थों के खिलाफ तटीय जल क्षेत्रों में लगातार कार्रवाई कर रहा है. कार्रवाई के दौरान बीते दिन अमेरिका ने प्रशांत महासागर में नौका को निशाना बनाया. यूएनएचआरसी ने कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका से नौकाओं पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया है.
अंतर्राष्ट्रीय मानकों का करें पालन
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था कि इन अभियानों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाना चाहिए. संगठित अपराध से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ हिंसा और नशीली दवाओं की लत के मूल कारणों को दूर करने के लिए नवीन सार्वजनिक नीतियों की भी आवश्यकता है.
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