परमाणु धमकी से नहीं डरता भारत, ईरान-इजरायल संकट में मदद के लिए तैयार, अमेरिका को लेकर भी एस जयशंकर ने कही ये बात

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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S. Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ‘न्यूजवीक’ के सीईओ डेव प्रगाड़ के साथ एक खास बातचीत में भारत की भूमिका और स्थिति पर अपने विचार साझा किए.  इस दौरान उन्‍होंने  भारत को एक सभ्यतागत राष्ट्र, बहुलतावादी लोकतंत्र, प्रतिभा का स्रोत, कूटनीतिक सेतु और वैश्विक दक्षिण की आवाज बताया है. विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ व्यापार समझौता करने में सफल होगा.

सफल निष्कर्ष पर ले जाएंगे भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता

डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर कहा कि हम एक बहुत ही जटिल व्यापार वार्ता के बीच में हैं. मुझे उम्मीद है कि हम इसे एक सफल निष्कर्ष पर ले जाएंगे. मैं गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि उस चर्चा में एक और पक्ष है. मुझे विश्वास है कि यह संभव है और मुझे लगता है कि हमें अगले कुछ दिनों तक इस क्षेत्र पर नजर रखनी होगी.”

अधिक इंडो-पैसिफिक बनाने में इन देशों की रुचि‍

विदेश मंत्री ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रतिकार के रूप में काम करने वाले क्वाड देशों के बीच संबंधों के महत्व को भी रेखांकित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपके पास चार देश हैं, एक तरह से इंडो-पैसिफिक के चार कोने, जिन्होंने वास्तव में यह तय किया है कि एक स्थिर या अधिक समृद्ध इंडो-पैसिफिक बनाने में उनकी साझा रुचि है और वे व्यावहारिक आधार पर काम करने के इच्छुक हैं.

बख्शें नहीं जाएंगे आतंकी

इसके अलावा, उन्‍होंने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है, हम चीन के सबसे बड़े पड़ोसी है. हालांकि अमेरिका के साथ भी भारत का तालमेल अच्‍छा है. अमेरिकी राष्‍ट्रपति और पीएम मोदी के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध है.  वहीं, पाकिस्‍तान से बातचीत प्रस्‍ताव को लेकर किए गए सवाल पर उन्‍होंने कहा कि हम अब ऐसी नीति अपना रहे हैं जिसमें आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा. जयशंकर ने कहा कि हम यह नहीं मानते है कि आतंकी केवल प्रॉक्सी हैं और राज्य का कोई दोष नहीं है. पाकिस्तान इस मामले में पूरी तरह शामिल है.

पाकिस्तान को खत्‍म करना होगा आतंकवाद

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत आतंकियों पर हमला करेगा और अपने लोगों की रक्षा करेगा. हालांकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांति वार्ता की बात कही है,  लेकिन विदेश मंत्री ने साफ साफ शब्दों में कह दिया है कि पाकिस्‍तान के साथ आतंकवाद के बीच अन्य मुद्दों पर बातचीत संभव नहीं है. आतंकवाद को पड़ोसी पर दबाव बनाने का हथियार नहीं बनाया जा सकता. एक अच्छा पड़ोसी और एक आतंकवादी एक साथ नहीं हो सकते. पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करना होगा.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि भारत परमाणु हथियारों की धमकी से डरने वाले नहीं हैं, वो अपने लोगों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगा.

इजरायल-ईरान दोनों के साथ भारत के अच्‍छे संबंध

वहीं, इजरायल-ईरान के मध्य हुए संघर्ष को कम या खत्म करने के लिए भारत के शांति प्रस्ताव पर पर बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत का ईरान और इजरायल दोनों के ही साथ अच्छे रिश्ते है. हालांकि इस दौरान उन्‍होंने ये भी कहा कि यह मुद्दा बहुत जटिल है और आसानी से हल नहीं हो सकता. लेकिन अगर हम किसी भी तरह से मदद कर सकते हैं, चाहे वह इजरायल, ईरान, अमेरिका या आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के लिए हो, हम तैयार हैं.

अमेरिका की नीतियों में बदलाव से विश्व व्यवस्था में बड़ा बदलाव

भारतीय विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका की नीतियों में बदलाव से विश्व व्यवस्था में बड़ा बदलाव आ रहा है. पहले जैसी गठबंधन-केंद्रित दुनिया अब कम हो रही है. अब देश अपने हितों को अधिक स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन और भारत का उदय, रूस की स्थिति और देशों का अपने हितों को प्राथमिकता देना, दुनिया को अधिक व्यक्तिगत और स्वतंत्र दिशा में ले जा रहा है.

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