Shinmoedake volcano: जापान के किरिशिमा पर्वत श्रृंखला में स्थित शिनमोएडेके ज्वालामुखी में रविवार सुबह करीब 5:23 बजे (स्थानीय समयानुसार) एक भीषण विस्फोट हुआ. यह विस्फोट इतना भयावह था कि विस्फोट के बाद करीब 3 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक राख का गुबार उठा. बता दें कि 27 जून से ही कागोशिमा और मियाजाकी प्रांतों की सीमा पर स्थित यह ज्वालामुखी रुक-रुक कर फट रहा है.
जापान के प्रसारक एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को हुए इस विस्फोट से निकली राख उत्तर-पूर्व की ओर बह रही है, जिसका मियाजाकी प्रांत के तकानाबे तक पहुंचने के आसार है. इसी बीच जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने चेतावनी दी है कि मियाजाकी प्रांत के कोबायाशी और ताकाहारू तथा कागोशिमा प्रांत के किरिशिमा में मध्यम स्तर की राख गिरने की संभावना है.
एजेंसी ने दी लोगों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम विभाग के मुताबिक, छोटी ज्वालामुखी चट्टानें क्रेटर के उत्तर-पूर्व में लगभग 14 किलोमीटर की दूरी तक गिर सकती हैं. ऐसे में एजेंसी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. साथ ही ज्वालामुखी के क्रेटर से 3 किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और 2 किलोमीटर के दायरे में गर्म राख के प्रवाह (पायरोक्लास्टिक फ्लो) से सावधान रहने को कहा गया है.
22 जून को पहली बार फटा यह ज्वालामुखी
दरअसल, साल 2018 के बाद यह ज्वालामुखी 22 जून को पहली बार फटा. जेएमए के अनुसार, यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार शाम 4:37 बजे हुआ. इसके बाद राख का गुबार 500 मीटर से अधिक ऊंचाई तक पहुंच गया. हालांकि इस दौरान धुआं मियाजाकी प्रान्त की ओर पूर्व दिशा में बह गया था और कोई ज्वालामुखी चट्टानें गिरने की पुष्टि नहीं हुई थी.
बता दें कि ज्वालामुखी चेतावनी स्तर 2, जो क्रेटर के पास प्रवेश को प्रतिबंधित करता था, उस क्षेत्र में कुछ समय तक लागू रहा. इस दौरान अधिकारियों ने क्रेटर के 2 किलोमीटर के दायरे में सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में बड़े ज्वालामुखी चट्टानों और पायरोक्लास्टिक प्रवाह का खतरा था.
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