बच्‍चें की तरह चलना सीख रहा हूं…शुभांशु शुक्ला ने साझा किया अपने अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपने पहले कॉल में बुधवार के प्रक्षेपण के अनुभव को याद करते हुए उस पल के अनुभव अवर्णनीय बताया. अंतरिक्ष से ‘नमस्कार’ के साथ अभिवादन करते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि उन्हें शून्य गुरुत्वाकर्षण की आदत हो रही है.

इस दौरान उन्‍होंने कहा कि ‘मैं अभी भी शून्य गुरुत्वाकर्षण की आदत डाल रहा हूं, जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो, यह पता लगा रहा हो कि कैसे आगे बढ़ना है और खुद को संभालना कैसे है. मैं वास्तव में हर पल का आनंद ले रहा हूं. इसके साथ ही उन्‍होंने पृथ्वी की कक्षा में अपने अनुभव को अवास्तविक और मजेदार बताया.

कभी नहीं भूल सकते अंतरिक्ष से देखा नजारा 

उन्‍होंने कहा कि वाह, यह कैसा सफर है. जब मैं लॉन्च पैड पर कैप्सूल में बैठा था, तो मेरे दिमाग में बस यही विचार था, चलो बस चलते हैं. इस यात्रा में बहुत लोगों का योगदान है. अंतरिक्ष से हमने जो नजारा देखा है उसे हम कभी नहीं भूल सकते हैं. इस यात्रा के दौरान हमें काफी कुछ सीखने को मिला है. हमें बस इंतजार है स्पेश स्टेशन पहुंचने का. हम सब काफी एक्साइटेड हैं.

भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मजबूत कदम

लाइव कॉल के दौरान शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम और आगामी गगनयान मिशन के लिए एक मजबूत कदम है. उन्‍होंने कहा कि भारतीय तिरंगा देखकर मुझे याद आया कि आप सभी इस यात्रा में मेरे साथ हैं. मैं चाहता हूं कि आप में से हर कोई इस मिशन का हिस्सा महसूस करे. यह केवल तकनीकी महत्वाकांक्षा के बारे में नहीं, बल्कि पूरी यात्रा के पीछे की भावना और उद्देश्य के बारे में है. उन्‍होंने कहा कि अगले 14 दिनों में मेरा लक्ष्य प्रमुख कार्यों को पूरा करना और अपने अनुभवों को कैद करना है, जिससे मैं उन्हें आप सभी के साथ साझा कर सकूं.

41 साल के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी

इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष यान से दृश्य भी साझा किए, जो वर्तमान में पृथ्वी से 418 किमी ऊपर है. उन्होंने इस नजारे को सुंदर करार दिया. बता दें कि शुभांशु शुक्ला बुधवार को ऐतिहासिक यात्रा पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए, जो 41 साल के अंतराल के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है. यह यात्रा अमेरिका में चार सदस्यीय बहु-देशीय चालक दल के साथ एक्सिओम स्पेस मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद हुई.

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