South Korea: पूर्व राष्ट्रपति यून छठवीं बार भी नहीं पहुंचे कोर्ट, अब अनुपस्थिति में चलेगा मुकदमा

Seoul: दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में छठी बार अनुपस्थित रहे. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए गुरुवार को अपने मुकदमे में पेश होने से इनकार कर दिया. पूर्व राष्ट्रपति पर दिसंबर में एक विद्रोह का नेतृत्व करने और मार्शल लॉ लागू करके अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने के आरोप में मुकदमा चल रहा है.

यून लगातार छठी बार रहे अनुपस्थित

पीठ ने सुनवाई की शुरुआत यह कहते हुए की है कि यून लगातार छठी बार अनुपस्थित रहे. यून जिस हिरासत केंद्र में बंद हैं. उस केंद्र ने एक नोट भेजा था. जिसमें यून को जबरन कोर्ट में पेश करने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता के तहत यदि कोई प्रतिवादी बिना किसी वैध कारण के कोर्ट में उपस्थित होने से इनकार करता है तो उसकी अनुपस्थिति में भी मुकदमा चलाया जा सकता है.

आजीवन कारावास या हो सकती है मृत्युदंड की सजा

यह प्रावधान तब लागू होता है जब किसी जेल अधिकारी के लिए प्रतिवादी को जबरन कोर्ट में पेश करना असंभव या अत्यधिक कठिन हो. विद्रोह के लिए अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा हो सकती है. गुरुवार की सुनवाई के दौरान अदालत मार्शल लॉ योजना में शामिल दो सैन्य अधिकारियों की गवाही सुनने वाली है. इससे पहले 27 अगस्त को दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल द्वारा मार्शल लॉ लागू करने में कथित भूमिका के लिए पूर्व प्रधानमंत्री हान डक-सू को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी करने या न करने पर सुनवाई की थी.

आरोपों में वारंट जारी करने का अनुरोध

सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोपहर 1.30 बजे पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ विद्रोह (इन्सरेक्शन) मामले की सुनवाई शुरू की. विशेष अभियोजक चो यून- सूक की टीम ने यून पर विद्रोह को उकसाने, सरकारी दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश करने और नष्ट करने, झूठी गवाही देने और अन्य अपराधों के आरोपों में वारंट जारी करने का अनुरोध किया.

इसे भी पढें. Dev Uthani Ekadashi 2025: कब है देवउठनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Latest News

आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ रहा है भारत: डा. दिनेश शर्मा

Lucknow: राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि देश आज मजबूती से आत्मनिर्भरता...

More Articles Like This

Exit mobile version