Sweden Immigration: ये कैसा देश! कंट्री छोड़कर जाने के लिए खुद दे रहा पैसा, जानिए क्या है माजरा

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Sweden Immigration : इस दिनों स्वीडन अपनी एक योजना को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है, स्‍वीडन की ये योजना बेहद हैरान करने वाली है. दरअसल वो अपने इस योजना के तहत लोगों को देश छोडने के लिए पैसा दे रहा है. हालांकि इस प्रस्‍ताव को स्‍वीडन की इमीग्रेशन मिनि‍स्‍टर मारिया माल्मर ने पेश किया, जो आजकल चारो ओर छाया हुआ है.

मारिया के प्रस्‍ताव के अनुसार, विदेश में पैदा हुए जो भी स्‍वीडि‍श नागरि‍क देश छोड़ना चाहते हैं, वे अपनी मर्जी से देश छोड़कर जा सकते हैं इसके लिए सरकार उन्‍हें पैसे भी देगी. साथ ही दूसरे देश जाने के लिए उनको किराया भी दिया जाएगा.

योजना में नागरिकों को भी जोड़ने की तैयारी

बता दें कि स्‍वीडन में पहले से ही स्वैच्छिक इमीग्रेशन योजना लागू है, लेकिन अबइसमें कुछ सुधार भी किया गया है. दरअसल पुरानी योजना अनुसार शरणार्थियों और प्रवासि‍यों को देश छोड़ने पर भारतीय करंसी में करीब 80 हजार रुपये दिए जाते थें, जो उन्‍हें एक ही बार में दे दिया जाता था. साथ ही सरकार उन्‍हें देश से जाने का भी किराया देती है, लेकिन अब इसमें नागरि‍कों को भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है.

20 साल में दोगुनी हुई स्‍वीडन की आबादी

वहीं, सरकार के नए प्रस्‍ताव के अनुसार, अब इस योनजा के तहत दी जाने वाली राशि में 10 हजार स्‍वीडि‍श क्रोना को भी बढ़ाया नहीं जाएगा. सरकार का मानना है कि इससे सभी को यह संदेश मिलेगा कि स्‍वीडन सरकार उन्‍हें पसंद नहीं करती. बता दें कि स्‍वीडन में दुनियाभर के कई देशों से आकर लोग बसते है यही वजह है कि यहां की आबादी 20 साल में दोगुनी हो गई है. वहीं, प्रवासि‍यों की संख्‍या में 20 लाख से ज्यादा है, जो स्‍वीडन की कुल आबादी का 5वां हि‍स्‍सा है.

सरकार ने दिया बड़ा ऑफर

दरअसल, इमीग्रेशन मिनि‍स्‍टर का हना है कि कई देशों से लोग यहां आ तो जाते हैं, लेकिन वे यहां के समाज में ढल नहीं पाते. ऐसे ही लोगों को मौका दिया जा रहा है कि वे देश छोड़कर चले जाएं. इसके लिए सरकार उन्‍हें आर्थिक मदद भी दे रही है. वहीं, स्‍वीडन में कई लोग ऐसे हैं, जिनके बच्‍चे इराक, सीरिया और सोमालि‍या में पैदा हुए, लेकिन अब वे स्‍वीडन आकर रहना चाहते हैं. सरकार का ये ऑफर उन लोगों के लिए भी है.

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